राजनीति की काली धूप... नेताओं का भद्दा रूप

Sunday, 9 September 2012


AMIT SHARMA

नई दिल्ली : संसद के पिछले कुछ दिनों पहले खत्म हुए मानसून सत्र मे लगातार 13 दिन हंगामा चला, जिसके कारण जनता की खून पसीने की 117 करोड़ की कमाई
नेताओं के आपसी मतभेद और एक प्रकार से संसदीय मनोरंजन के लिए स्वाहा हो गई । जबकि जनता इन सब बातों से बेखबर होकर दिन प्रतिदिन की समस्याओं के निदान के लिए संसदीय सत्र की कार्रवाही का इंतजार करती रही । इसे रोकने के लिए किसी कानून की  जरूरत नही है और न ही कोई कानून कारगर है  इसके लिए तो लोगों को ही खासकर युवाओं को आगे आना होगा । पता नही कब तक राजनीति का ये घिनौना चेहरा देखना पड़ेगा । तब तक जब तक कि लोग नींद मे चलना बंद कर देंगे या तब तक जब तक कि चलने के लायक नही रहेंगे ।

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