लंदन. इंटरनेट की लत को जल्द ही मानसिक बीमारी घोषित किया जा सकता है। एक ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट यूज डिसऑर्डर को जल्द ही डीएसएम-IV (मानसिक विकार की नैदानिक और सांख्यिकी मैनुअल) में अगले साल मई में शामिल किया जा सकता है।
उन लोगों को मानसिक बीमार माना जाएगा जो अपने स्मॉर्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटीर पर इंटरनेट से जुड़े रहने के आदी हैं और इंटरनेट के न होने पर परेशान और विचलित हो जाते हैं।
स्विबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से जुड़े माइक काइरोज ने ब्रिटिश अखबार से कहा कि इस बीमारी पर शोध किए जाने के बाद बच्चों के लिए जरूरी इलाज खोजा जा सकेगा और तकनीक के इस्तेमाल से उपजने वाली बीमारियों पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे इंटरनेट पर गेम खेलने के आदि होते हैं लेकिन तकनीक का अधिक उपयोग भी मानसिक समस्याओं की जड़ बन सकता है।
Source: Dainik Bhaskar
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