गोपाल गिरी/ - कहते है की जमीन हजार बुराइयों की जड़ होती है इसके लिए इंसान किसी का भी खून करने से नहीं हिचकता और अगर जमीन के आड़ में कोई अपना भी आ जाए तो उसकी भी बेहिचक क़त्ल हो जाता है / ऐसा ही एक मामला आया है थाना नीमगाँव के गाँव उमरिया में जहा दो पोतो ने अठ्ठारह बीघा जमीन के लालच में मिलकर अपने दादा दादी की कुल्हाड़ी से काटकर ह्त्या कर दी ह्त्या के बाद पोता फरार हो गया है /बचपन में जिसे दादा दादी ने कंधो पर बिठा कर मेला दिखाया था जमीन के लालच में पोता इतना खुदगर्ज हो गया की उसने दोनों की एक के बाद बाद एक कुल्हाड़ी से काटकर निर्मम ह्त्या कर दी।
वी ओ-1- थाना नीमगाँव का रहने वाला उम्रदराज मातादीन अपनी अठ्ठारह बीघा जमीन अपने दुसरे लडको के बच्चो को देना चाहता था लेकिन बुजुर्ग का यह फैसला लडके रामासरे और रामविलास के लडको जगतपाल और विसंभर दयाल को पसंद नहीं आया जिससे इनलोगों ने जबरदस्त विरोध किया वही अपने फैसले पर अडे उम्रदराज मातादीन ने जमीन को अपने दुसरे बेटो श्रीकेसन और संतोष के नाम करने का एलान कर दिया जिससे दोनों पोते अपना संतुलन खो बैठे और दादी बाबा की ह्त्या करने का खूनी फैसला ले लिया / घर में बाबा मातादीन को अकेले पाकर पोते जगतपाल और विशम्भर पर हय्वानियत इस कदर सवार हो गई की दोनों ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिए लहुलुहान हो चुके मातादीन को बचाने के लिए जब दादी फूलकली रास्ते में आ गई तो उनकी भी कुल्हाड़ी से काट कर ह्त्या कर दी / वारदात को अंजाम देकर दोनों पोते फरार है जिनकी पुलिस कर रही है /

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