इन झगड़ों से बढ़ेगा प्यार....

Friday, 5 October 2012


पति-पत्नी के झगड़ों के कई किस्से हैं और कई मजाक भी। यूं तो झगड़ना बुरा है और पति-पत्नी के झगड़े से घर का माहौल खराब होता है। बच्चों पर गलत असर पड़ता है तो अलग। लेकिन कुछ झगड़े ऎसे भी हैं तो प्यार के साथ-साथ दोनों के बीच सामंजस्य और आपसी समझ बढ़ाते हैं। तो अगली बार अपनी पति से इन बातों पर जरूर करें झगड़ा।

सारा दिन फोन पर लगे रहते हो
अमूमन पत्नियों को शिकायत होती है कि सारा दिन इंतजार करने के बाद जब उनके पति घर आते हैं तो आते ही फोन पर लग जाते हैं। अगर आपको भी अपने पति से ऎसी है शिकायत है तो उनसे झगड़ा जरूर करें। आप उनके कह सकती हैं कि उन्हें आपकी और बच्चों की कोई परवाह नहीं है। हर चीज की एक इंतेहा होती है। अगर वह सारा ध्यान फोन पर ही देंगे तो पत्नी और बच्चों के लिए वक्त कब निकालेंगे।

हर काम मैं ही क्यों करूं ?
घर पर सारा दिन जुटे रहने के बाद भी एक जुमला जो अक्सर सुनने को मिलता है, तुम सारा दिन घर पर क्या करती हो। आपके पति आपके काम की अहमियत नहीं समझते। वर्किग वुमन हैं तो भी मदद से दूर भागते हैं। अब झगड़ा करना आपका हक है। आप कहें कि आप भी इंसान हैं, कोई सुपर वुमन नहीं। बगैर छुट्टी के हफ्ते के सातों दिन जुटी रहती हैं। फिर घर और बच्चे भी दोनों के साझे हैं। पति आपके काम को और आपकी मेहनत को समझेंगे तो प्यार और बढ़ेगा।

डॉक्टर को दिखाने नहीं जाते
ऑफिस से आने के बाद आपके पति के सिर में या पीठ दर्द रहता है, लेकिन वे डॉक्टर के नहीं जाते। आपने जिद की तो हो गए नाराज। अगर आप भी अपने पति की सेहत की परवाह करती हैं तो उनकी इस लापरवाही पर खूब झगड़ा कीजिए। उन्हें समझाएं कि उनकी अच्छी सेहत परिवार की सबसे बड़ी जरूरत है। वो चाहें लाख ना-नुकुर करें, महीने-दो महीने में उनका रूटीन चेकअप जरूर करवाएं ताकि वो स्वस्थ रहें।

तुम बहुत खर्चीले हो 
अक्सर बीवियां अपने पतियों की शाहखर्ची से परेशान रहती हैं। महीने की 15 तारीख आते-आते आधे से ज्यादा तनख्वाह खर्च। आप उनसे इस बात पर झगड़ा कर सकती हैं कि आखिर घर तो आपको ही चलाना पड़ता है। ऎसे में सारी तनख्वाह महीने से पहले ही खत्म कर देंगे तो घर कैसे चलेगा। बच्चों की तमाम जरूरतें हैं, जिनका पूरा होना जरूरी है। साथ ही कोई आपात स्थिति आ गई तो किसके सामने हाथ फैलाएंगे।

बच्चों के बारे में फैसले पर
देखा गया है कि बच्चों के बारे में कोई अहम फैसला लेने की बारी आती है तो वो पिता ही करता है। अगली बार आप ऎसा न होने दें। पहले आप अपनी राय पति के सामने रखें, यदि वो राय बच्चों के हित में है और पति मान नहीं रहे हैं तो आप अपने पति से बहस करें कि क्यों नहीं बच्चों के भविष्य को लेकर आप कोई फैसला ले सकती हैं? 

काम ही काम
पुरूषों की एक आदत होती है कि वो कई बार ऑफिस का काम भी घर लेकर आते हैं। ऎसे में आपका नाराज होना बनता है। आखिर 24 घंटों के दिन में कुछ घंटों पर आपका भी हक है। आप उनसे सख्त लहजे में कहें, कि बस बहुत हो गया ऑफिस का काम। ऑफिस का काम ऑफिस में रखा करें। घर पर उनका जितना भी समय है वो सिर्फ आपका है।

इतनी शिकायत बाप रे
पतियों की ये आदत होती है कि वो कई बात पर बीवियों के नुक्स निकालते हैं। बच्चे के परीक्षा में नंबर कम आए, तुमने ठीक से ध्यान नहीं दिया। क्या रोज-रोज एक जैसी सब्जी बना देती हो? कपड़े ठीक से इस्तरी नहीं हुए? ये सब शिकायतें अब और नहीं। आप उनसे कहें कि हर वक्त की शिकायत अवसाद पैदा करती है। इस झगड़े के बाद आपके पति आपकी मनोस्थिति को जरूर समझेंगे। Source: Patrika

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