जयपुर. बामनवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मुर्दाघर में शुक्रवार सुबह उस समय विचित्र स्थिति पैदा हो गई जब पोस्टमार्टम करने आया डॉक्टर बालक के शव की वीभत्स हालत देखकर भाग छूटा।
बाद में मीणा कोलेता चिकित्सालय से डॉक्टर बुलवाकर पोस्टमार्टम करवाया गया। थानाधिकारी सुरेश डाबरिया के अनुसार 7 अक्टूबर को रिवाली निवासी भरतलाल बैरवा का 8 वर्षीय पुत्र गोलू लापता हो गया था। काफी तलाश के बाद भी जब गोलू का कोई सुराग नहीं लगा तो परिजनों ने बामनवास थाने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गुरुवार को कुछ बच्चे गांव के बाहर कुएं के आसपास खेल रहे थे। इस दौरान उन्हें बदबू का अहसास हुआ तो उन्होंने कुएं में देखा। कुएं में बालक का शव तैरता देख उन्होंने इस बारे में ग्रामीणों को बताया। जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सूचना सही होने पर उन्होंने इस बारे में पुलिस को बताया। इस पर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से बालक के शव को कुएं से निकलवाकर बामनवास स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचाया।रात होने के कारण गुरुवार को पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका। हाथ-पांव फूले शुक्रवार सुबह शव के पोस्टमार्टम के लिए बामनवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर दिनेश गुप्ता को नियुक्त किया था। डॉ. गुप्ता पोस्टमार्टम के लिए आए लेकिन शव की वीभत्स हालत देखकर उनके हाथ पांव फूल गए और वे उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर अस्पताल से भाग छूटे।
डॉक्टर के भागने के बारे में चिकित्सालय कर्मियों ने ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. नंदकिशोर मीणा को सूचित किया। डॉ. मीणा ने मौके पर पहुंचकर मीणा कोलेता से डॉ. रमेश मीणा व डॉ. महेश गुप्ता का बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सुपुर्द किया।
ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. एन.के. मीणा का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम करने की बजाय डॉक्टर का हस्ताक्षर कर भाग जाना गंभीर मामला है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
Source: dainik bhaskar
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