बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल

Sunday, 4 November 2012


बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
नई दिल्ली. बलात्कार की घटनाएं न सिर्फ पीड़ितों के जीवन पर कहर बनकर टूटती हैं बल्कि परिवार और समाज पर भी धब्बा होती हैं। ऐसी घटनाएं आधी आबादी (महिलाओं) के मन में खौफ पैदा करती हैं। हमारा समाज और नेतृत्व महिलाओं को इस खौफ से निकालने के बजाए उन पर और अधिक पाबंदियां लगाने की वकालत करता है। यह तथ्य हाल फिलहाल में दिए गए नेताओं के बयानों से स्पष्ट होता है।
 
 
बलात्कार का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस पर हरियाणा की खाप पंचायतों से लेकर अमेरिका के सेनेटर पद के उम्मीदवारों तक की एक ही राय है। बलात्कार को लेकर दिए जाने वाले हमारे नेताओं के बयान महिलाओं और इन घटनाओं के प्रति हमारा नजरिया दिखाते हैं।

बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी इसी साल 9 अक्टूबर को हरियाणा में बलात्कार पीड़ितों से मिलने गईं थी तब उन्होंने भी हुड्डा सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि बलात्कार की घटनाएं तो पूरे देश में हो रही हैं। लेकिन सोनिया गांधी ये नहीं बता पाईं थी कि पूरे देश में बलात्कार क्यों हो रहे हैं? इसका जबाव हरियाणा की ही खाप पंचायत के एक नेता ने दे दिया। जींद जिले की खाप के नेता जीतेंद्र छत्तर ने कहा कि फास्ट फूड खाने से युवक-युवतियों का हार्मोनल संतुलन बिगड़ रहा है जिस कारण रेप जैसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने हरियाणा में हो रहे बलात्कारों का दोष चीन के चाऊमीन पर मढ़ दिया। 
 
हरियाणा के ही एक और कांग्रेसी नेता तो इससे भी आगे निकल गए। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व प्रवक्ता धर्मवीर गोयत ने 11 अक्तूबर को हिसार में सनसनीखेज बयान देते हुए कहा, ‘‘हरियाणा में सामने आए बलात्कार के ज्यादा मामले दरअसल सहमति से सेक्स के मामले हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह बोलने में कोई संकोच नहीं है कि 90 फीसदी मामलों में युवतियां सहमति से जाती हैं। आगे आपराधिक प्रवृत्ति के लोग मिल जाते हैं जो उनके शिकार के लिए तैयार रहते हैं। युवती को पता नहीं होता कि आगे 5-7-10 लोग हैं। फिर वह कहती है कि हमारे साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है।’’

बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
बलात्कार के कारणों पर भारतीय नेता और खाप नेताओं से अमेरिका सेनेट पद के एक प्रत्याशी ज़्यादा पीछे नहीं हैं। अमेरिका के मिजौरी प्रांत से रिपब्लिकन पार्टी के सेनेट प्रत्याशी टॉड एकिन ने कहा उन्होंने कहा कि 'लेजिटमेट रेप' यानी 'वैद्य बलात्कार' होने पर महिलाओं का शरीर ही गर्भधारण को रोक सकता है। जब एकिन से पूछा गया कि क्या वे गर्भपात का विरोध तब भी करेंगे जब गर्भ की वजह बलात्कार हो तो उन्होंने कहा, "डॉक्टरों के अनुसार मैं ये समझता हूं कि ऐसा होना असामान्य है। अगर सचमुच में बलात्कार हुआ है तो महिला का शरीर उस पूरी प्रक्रिया को रोक सकता है। लेकिन अगर मान लें कि ऐसा नहीं हुआ तो मुझे लगता है कि सज़ा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन बच्चे को नहीं बल्कि बलात्कारी को।" टॉड एकिन ने जहां बलात्कार पीड़ित महिलाओं को गर्भ ढोने की सलाह दी वहीं सीनेट के एक और उम्मीदवार रिचर्ड मर्डोक ने तो बलात्कार को भगवान की इच्छा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, 'अगर कोई महिला रेप के बाद गर्भवती हो जाती है तो समझ लीजिए, इसमें भगवान की कोई इच्छा है। ऐसा भगवान की इच्छा के बगैर नहीं हो सकता। प्रेंग्रेसी से जिंदगी की शुरुआत होती है और मां के जीवन को खतरे की स्थिति को छोड़कर बाकी हर स्थिति में गर्भपात को अच्छी चीज नहीं हैं। मैंने महसूस किया है कि जीवन तो ईश्वर का तोहफा है। मुझे लगता है, जब जीवन की शुरुआत बलात्कार जैसी घटना से होती है तो भी यह भगवान की इच्छानुसार होता है।' 

बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
ऐसा नहीं है कि बलात्कार के मामलों में असंवेदनशील बयान अभी दिए जा रहे हैं। बल्कि बहुत जिम्मेदार लोगों ने भी बलात्कार की घटनाओं पर असंवेदनशील बयान दिए हैं। टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य रही किरण बेदी ने तो एक बार मीडिया से बातचीत में बलात्कार को छोटी-मोटी घटना बता दिया था। बेदी ने कहा था मीडिया भ्रष्टाचार के मामले को सही से नहीं उठा रहा है। इसके बदले वह दुष्कर्म की छोटी घटना पर बहस कर रहा है। मीडिया भी पुलिस के निचले स्तर के अधिकारी द्वारा किए गए बलात्कार को बहस का मुद्दा बना रहा है। हालांकि बाद में किरण बेदी ने ट्वीट कर सफाई देते हुए कह दिया था कि 'गलत खबर चलाई जा रही है। मैंने कभी नहीं कहा कि दुष्कर्म छोटा-मोटा अपराध है। मैंने कहा था कि छोटे स्तर का कोई कर्मचारी जब दुष्कर्म करता है तो हम उसे टांगने पर लग जाते हैं। लेकिन जब यही काम ओहदेदार व्यक्ति करता है तो हमारा रुख अलग हो जाता है।' 
बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर तो बलात्कार के मामले बढ़ने पर महिलाओं को घर में बंद रहने की सलाह दे चुके हैं। इसी साल मार्च में बलात्कार की ताबड़तोड़ वारदातों के बाद गुड़गांव पुलिस ने साफ कह दिया था कि अगर बलात्‍कार से बचना है तो महिलाओं को घर में ही बंद रहना चाहिए। अगर वह घर से बाहर निकलती हैं तो अपनी सुरक्षा का जिम्‍मा खुद ही संभालें। यही नहीं लगातार दो दिन गैंगरेप के मामले सामने आने के बाद स्‍थानीय प्रशासन ने रात आठ बजे के बाद महिलाओं के ड्यूटी करने पर रोक लगाने का हुक्‍म दिया था। गुड़गांव प्रशासन ने सभी मॉल्‍स, वाणिज्यिक प्रतिष्‍ठानों और पब मालिकों से साफ कह दिया था कि उनके यहां रात आठ बजे के बाद किसी भी महिला कर्मचारी की ड्यूटी न लगाई जाए। डिप्‍टी कमिश्‍नर पी सी मीणा ने यह फरमान जारी करते हुए कहा था कि इन प्रतिष्‍ठानों में तय समय के बाद भी काम करने की महिलाओं को इजाजत देने से पहले श्रम विभाग की मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा एम्‍प्‍लॉयर को रात आठ बजे के बाद ड्यूटी से लौटने वाली महिला कर्मचारी के लिए कैब की सुविधा मुहैया करानी होगी।

बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
आंध्र प्रदेश के डीजीपी वी. दिनेश रेड्डी और कर्नाटक के महिला और शिशु कल्याण मंत्री सी सी पाटिल ने बेहद चौंकाने वाले बयान दिए थे। रेड्डी ने कहा कि महिलाओं के हल्के कपड़े बलात्कार के लिए जिम्मेदार हैं वहीं, पाटिल ने कहा था कि महिला को पता होना चाहिए कि उन्हें कितनी चमड़ी (स्किन) ढंकनी है। रेड्डी ने एक बयान में कहा था, 'पुरुषों को भड़काने वाले महिलाओं के फैशनेबल और झीने कपड़े बलात्कार के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है।' कर्नाटक के महिला और शिशु कल्याण मंत्री सी सी पाटिल ने रेप से बचने के लिए महिलाओं को हिदायत देते हुए कहा था, 'मैं निजी तौर पर इस हक में नहीं हूं कि महिलाएं भड़काऊ कपड़े पहनें और यह सोचें कि वे चाहे जो पहनें उन्हें सम्मान की नज़रों से देखा जाए।' पाटिल ने कहा, 'आज की जीवनशैली महिलाओं के लिए यह जरूरी कर देती है कि वे पुरुषों की तरह काम करें और उनकी ही तरह जीवन जिएं। इसलिए महिलाएं आईटी कंपनियों और कॉल सेंटरों में रात में करती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि वे जानें कि उन्हें अपने काम करने की जगह पर कितनी चमड़ी ढंकनी है। इसलिए ड्रेस के मामले को मैं उन पर ही छोड़ता हूं।' 

बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मानती हैं कि बच्चों को ढील दिए जाने के कारण बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि पहले लड़के-लड़की अगर हाथ पकड़कर चलते थे तो उनके पैरंट्स उन्हें डांट देते थे, लेकिन अब तो सब खुल्लम-खुल्ला हो रहा है। इससे भी समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं। मीडिया पर भी तंज कसते हुए उन्होंने कहा था कि नेगेटिव खबरें दिखाने से समाज पर बुरा असर पड़ता है इसलिए मीडिया को बलात्कार की खबरें दिखाने से बचना चाहिए। इससे पहले कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में इसी साल एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में अपनी टिप्पणी के चलते ममता को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। उन्होंने जांच के पहले ही कह दिया था कि कहीं कोई बलात्कार नहीं हुआ है। बाद में उनकी ही पुलिस के जांच दल ने युवती के आरोप को सही माना और इस मामले में कई लोग गिरफ्तार भी किए गए। ममता ने अपने बयान पर न माफी मांगी और न ही अपने तेवर बदले बल्कि खुफिया विभाग की प्रमुख का तबादला कर दिया था।


बलात्कार: खाप से लेकर अमेरिकी नेता तक एक सुर में रहे बोल
उत्तर प्रदेश के नेताओं का हाल तो और भी निराला है। यूपी में विधानसभा चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने तो बकायदा 'बलात्कार भत्ते' की ही घोषणा कर दी थी। इस साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सिद्धार्थनगर जिले में एक चुनवी रैली में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो बलात्‍कार के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएंगे और रेप पीड़ितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुलायम सिंह यादव की पार्टी अभी सत्ता में हैं लेकिन राज्य में अपराध या बलात्कार की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। 
 
 Source:bhaskar
 

0 comments:

Post a Comment

रफ़्तार 24 न्यूज़