दौसा (ग्रामीण).पंचायतों के तुगलकी फरमान अब राजस्थान में भी सुनाए जाने लगे हैं। दौसा जिले के भांडारेज में बुधवार को हुई सर्व समाज की बैठक में लड़कियों को मोबाइल नहीं रखने तथा चेहरे पर स्कार्फ नहीं बांधने का निर्णय सुनाया गया। यह बैठक गांव से चार दिन पहले लापता हुई युवती के मामले को लेकर बुलाई गई थी।
बैठक में पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया गया कि तीन दिन में युवती को बरामद नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। बैठक में लड़कियों द्वारा स्कार्फ बांधने व मोबाइल रखने पर कोई सजा या जुर्माने का प्रावधान तय नहीं किया गया, लेकिन जब इस बारे में ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय सभी अभिभावकों ने सर्वसम्मति से लिया है। इसकी पालना भी पूरी तरह से कराएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज है। इसमें कहा गया है कि एक युवक उसे भगा ले गया है। लेकिन अभी तक कई कार्रवाई नहीं हुई है।
बैठक के दौरान ग्रामीणों ने एएसपी रामजीवन को फोन कर युवती को बरामद करने की मांग की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एएसपी ने उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
महिला के बदले महिला को ले जाने का भी हुआ था निर्णय
तीन माह पूर्व ग्राम डागोलाई में विवाहिता को भगाने के मामले में पंच-पटेलों की पंचायत में महिला के बदले महिला को उठा ले जाने का निर्णय लिया गया था। बाद में विवाहिता के मिलने पर मामला शांत हुआ।
फैसला तालिबानी, कार्रवाई करेंगे
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाड कुमारी जैन ने कहा कि ऐसे फरमान तालिबानी और गैर-कानूनी हैं। लोकतंत्र में आप ऐसी पाबंदियां कैसे लगा सकते हैं। मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही करेंगे।
- लाडकुमारी जैन, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग
कथित सामाजिक संगठनों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ इस तरह के फरमान जारी करना क्या सही हैं? क्या लड़कियों द्वारा स्कॉर्फ बांधना और मोबाइल का उपयोग करना गुनाह हैं। अपनी राय देने के लिए कमेन्ट बॉक्स में टाइप करें।
Source-bhaskar
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