सिम खरीदने का बदल गया नियम, 9 का फैक्टर रखना होगा ध्यान

Monday, 19 November 2012

देश में मोबाइल यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत 96 करोड़ यूजर्स के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल यूजर देश है। एक से बढ़कर एक मोबाइल ऑफर्स, कई टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी और सस्ती कॉलिंग इसके अहम कारणों में से एक है। वहीं, इसका फायदा उठाते हुए यूजर्स भी अब 1 सिम की बजाए एक साथ 2-2 सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, कई यूजर्स दर्जनों सिम एक साथ अपने पास रखते हैं और जरूरत के हिसाब से उसे बदल-बदल कर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। 

आइडिया हो या बीएसएनएल हो या फिर कोई अन्य टेलीकॉम कंपनी, कोई भी अब किसी भी यूजर को 9 से ज्यादा मोबाइल सिम नहीं दे सकेगी। यानी कुल मिलाकर मोबाइल यूजर्स अब ज्यादा सिम रखकर फर्जी काम को अंजाम नहीं दे सकेंगे। इससे पहले तक ऐसा नियम नहीं था। यूजर्स जितने चाहें उतने सिम खरीद कर यूज कर सकते थे।

नए नियम के तहत उपभोक्ता को नया सिम लेने के लिए पुराने सभी मोबाइल नंबर की डिटेल न्यू कनेक्शन फॉर्म के साथ ही देनी होगी। इसमें यह भी बताना होगा कि उपभोक्ता ने जितने सिम ले रखे हैं उनमें से कितनों को वो रेगुलर यूज करता है।


न्यू कनेक्शन फॉर्म में मोबाइल यूजर द्वारा मौजूद मोबाइल नंबरों की गलत डिटेल या फर्जी नंबर भरने पर यूजर को तगड़ा झटका झेलना होगा। ऐसे में न सिर्फ यूजर का सिम ब्लॉक हो जाएगा, बल्कि उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। इस संबंध में ट्राई ने सभी मोबाइल कंपनियों को आदेश भी जारी कर दिया है।

दिलचस्प है कि नए नियम से पहले तक कोई भी मोबाइल यूजर जितने चाहे उतने सिम ले सकता था। ऐसे में अधिकतर बार सिम लेने के लिए यूजर फर्जी आइडी व एड्रेस प्रूफ भी लगा देते थे। वहीं, उपभोक्ताओं के दस्तावेजों की केवल औपचारिक जांच कर सिम का चालू कर दिया जाता था। इतना ही नहीं, कई मोबाइल दुकानदार बिना पूरा कागज लिए ही सिम की फर्जी जानकारी देकर फ्रेंचाइजी से सीधे चालू करा लेते हैं। हालांकि, अब ट्राई के नए आदेश के बाद ऐसा करना संभव नहीं रहेगा।


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