टांडा के साथी गिरफ्तार

Saturday, 3 November 2012

गोपाल गिरी लखीमपुर खीरी।
 खीरी जिले को ठिकाना बनाने वाला अंतर्जनपदीय शातिर बदमाश सुमित सिंह टांडा जिसने जिले में वारदातों की लम्बी फेहरिस्त खडी कर दी यही नहीं अपना अपराधिक साम्राज्य कायम रखने के लिए उसने डाक्टरों से रकम मांगना शुरू कर दिया था /शहर के नवजीवन नर्सिंग होम में छे साल पहले हथगोला फेकने के बाद दोबारा उसने ताबड़तोड़ गोलिया दागकर अपना अपराधिक खाता
यही से खोल दिया जिससे एकबारगी शहर में डर और दहशत का माहौल कायम हो गया / सितम्बर रविवार की अठ्ठाईस तारीख को भाग रहे बदमाश टांडा ने रोकने पर चौकी संकटा देवी के सिपाही की गोली मारकर ह्त्या कर दी लेकिन भागने में कामयाब होने से पहले ही पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था /घटना से जुडे इसके दो साथियो की तलाश में पुलिस को टांडा का पूरा गिरोह मुठभेड़ के बाद  हाँथ लग गया जिसमे पुलिस ने  चार साथियो को गिरफ्तार कर लिया है/
गैर जनपद से खीरी में अपना अप्रादिक राज्य कायम रखने वाले सुमित सिंह टांडा ने यहाँ स्थानीय लोगो को मिलाकर एक बड़ा गिरोह कायम कर लिया था शहर के अपराधिक लोगो के साथ मिलकर उसे स्थानीय वारदातों की जानकारी तोमुहय्या हो ही जाती थी साथ ही उसे मजबूत संरक्षण भी मिल रहा था/ आम आदमी से लेकर ग्राम प्रधान भी उसके गिरोह की निगेहबानी करते थे अक्सर वारदातों
को अंजाम देने के बाद टांडा इसी तरह के लोगो के यहाँ अक्सर छिप जाता था पकडे गए चार साथियो में गिरिधरपुर का ग्राम प्रधान पति भी शामिल है /  सुमित  सिंह टांडा की मौत को करीब से देखने वाले आम शहरी फिरोज को उस वक्त अपराधी टांडा की मौत भले ही मामूली नजर आ रही हो लेकिन टांडा के चार साथियो की गिरफ्तारी के बाद ह्त्या की सुपाड़ी की जानकारी ने उसका
वजूद ही हिला दिया / पकड़ा गया राजू उर्फ़ अयूब खान जिसने उसकी ह्त्या की सुपारी टांडा को दी थी मुठभेड़ में मारा गया सुमित सिंह टांडा अगर बाख गया होता तो शहर में एक और ह्त्या की इबारत टांडा के खाते में लिख गयी  होती। पुलिस अभी फरार चल रहे टांडा के दो  अन्य साथियो की तलाश में जुटी है जिसकी परते समय रहते खुल जायेगी।

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