रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ में भले ही फिल्म स्टार सैफ अली खान और करीना कपूर कानूनन शादी के बंधन में बंध गए हों, मगर शरीयत के मुताबिक यह शादी मान्य नहीं है। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने शादी को नाजायज करार देते हुए कहा है, 'शरीयत में शादी करने के लिए पुरुष और महिला का मुसलमान होना जरूरी है। यदि करीना कपूर अपने धर्म पर कायम हैं, तो यह शादी इस्लाम में जायज नहीं है।' गौरतलब है कि सैफ और करीना ने मंगलवार को रजिस्टर्ड शादी की।
दारुल उलूम के मुफ्ती राशिद कासमी का कहना है कि शरीयत में हुक्म दिया गया है कि शादी करने के लिए लड़का-लड़की का मुसलमान होना जरूरी है। दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि हर मुसलमान के लिए जरूरी है कि वह किसी मुसलमान से ही शादी करे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में गैर मजहब में शादियों का चलन खतरनाक साबित हो सकता है।
फतवा विभाग के वरिष्ठ मुफ्ती हबीबुर्रहमान ने साफ कहा कि करीना ने शादी से पहले इस्लाम कुबूल नहीं किया है। उन्होंने अपने निजी मकसद अथवा फायदे के लिए यह शादी की है। इस्लाम में इस तरह की शादी को मान्यता नहीं दी गई है। यदि दोनों मुस्लिम हों, शादी तभी जायज है।Source:navbharattimes

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