तीन लड़के, तीन घंटे , तीन दिन .....

Friday, 19 April 2013




तीन लडकियाँ ----------------------------

उम्र पाँच साल -
शाम को घर के बाहर खेल रही थी ...गायब हुयी , तीन दिन बाद ग्राउंड फ्लोर में मिली तो वेजाइना और रेक्टम फटे हुए थे ..आपरेशन के बाद डाक्टर को उसमे तीन मोमबतियां ,और तेल की बोतल डाले जाने का पता चला जिससे उस बच्ची को इंटरनल इन्फेक्शन है…

उम्र सोलह साल -
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की सुबह साढ़े छह बजे अपने घर से स्कूल जाने के लिए निकली ..घर से कुछ दूरी पर ही तीन लड़कों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में डाल लिया और तीन घंटे तक सामूहिक बलात्कार के बाद वापस उसी के मोहल्ले में डाल गये .....

उम्र बीस साल -
सड़क पर जाती लड़की को तीन लड़के जबरदस्ती गाड़ी में खींच ले गये और सामूहिक बलात्कार के बाद लड़की अर्धबेहोसी की हालत में फ्लाईओवर के नीच पायी गयी ...

एक लड़की खेल रही थी अपने घर के बाहर ...उम्र पाँच साल ,
एक स्कूल जा रही थी ...उम्र सोलह साल ,
एक सड़क पर कहीं जा रही थी ...उम्र बीस साल,
क्या गुनाह था इनका?

आज रामनवमी की छुट्टी है और रामजन्म मनाते हुए मंदिरों में प्रसाद
भी बँटेगा ही ...नौ दिनों से देवियों की पूजा हो रही है ..शक्तिरूपा ..चंडी 
काली ..दुर्गा ...कहाँ है ? शक्ति .. खड्ग और शेर इत्यादि ?

(पिछले तीन दिन से हुयी ये सभी घटनाएँ दिल्ली में घटी हैं )

क्या लड़के की संवेदना में सेक्स गालियों और गलियों/सड़क की विकृति से शामिल होता है और लड़की की संवेदना में डर के साथ ..??? 

देख रहीं हूँ अपनी बालकनी से नीचे सड़क पर एक सात साल की बच्ची अपने फरोक के घेर को घुमा घुमा कर नाच रही है और साथ में उसका तीन साल का भाई भी नाच रहा है ...इसी नाच की आंच में झुलस रही हैं मेरी आँख कि जल उठे मेरी हर साँस ......

लड़की तुम इसी तरह नाचती रहना अपने भाई के साथ ...बिना डरे ..
माँ तुम डरना नहीं .....

खालिद हसन के फेसबुक वाल से साभार  ....

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