-गंदगी सोच में है कपड़ों में नहीं
रफ्तार 24 न्यूज़ एक्सक्लूसिव
दामिनी के गैंगरेप के बाद कई संगठनों व नेताओं ने युवतियों के पहनावे को गलत बताते हुए इस पर रोक लगाने की सलाह दे डाली थी। लेकिन अब सामने आई घटना में पांच वर्षीय बच्ची का न तो पहनावा गलत था, न वह देर रात बाहर घूम रही थी, न उसका अफेयर था। फिर वह मासूम बच्ची किस बात की सजा भुगत रही है। इस सवाल ने हर खासो आम को झंझौड़ कर रख दिया है।गंदगी पहनावे में नहीं इंसान की सोच में है। पांच साल की मासूम के साथ दरिंदगी करने वाले के दिमाग की गंदगी उस मासूम के हालत देखने से ही पता चलती है। अब सवाल यह उठता है कि इस सब के लिए जिम्मेदार कौन है? जवाब एक ही है....पुलिस प्रशासन की लापरवाही।
जबकि उधर छेड़छाड़ व युवतियों को देखने को लेकर बनाए गए नियम किसी काम के नहीं नजर आ रहे। इनका सदुपयोग से अधिक दुरूपयोग होता दिखाई दे रहा है। रेप व गैंगरेप पर सजा होना जायज है, लेकिन 14 सेकण्ड तक लड़की को देखने पर सजा, यह कहां का इंसाफ है जनाब। इस नियम से तो लड़कियां केवल लाचार ही नजर आती हैं। जबकि सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि तमाम लड़कियां इन नियमों का फायदा उठाकर जमकर सीधे-साधे युवकों की जिंदगी तबाह कर रही हैं।
पांच वर्षीय मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है, उसके ईश्वर, अल्लाह से दुआ/प्रार्थना अवश्य करें।
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