साम्प्रदायिक सूची में पहला नम्बर, बना बैठा है सभासद

Monday, 19 November 2012


मुरादाबाद। एक ओर पुलिस मोर्हरम के पर्व पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। वहीं दूसरी ओर साम्प्रदायिक लोगों में पहले नम्बर पर विराजमान युवक जनपद के ठाकुरद्वारा के एक वार्ड का सभासद बना बैठा है। पुलिस इस ओर बिल्कुल बेखबर है।
पिछले साल ईद मिलादुनबी के जुलूस में कुछ अन्य समुदाय के बच्चों ने गलती से होली का रंग डाल दिया था। इसके बाद शहर भर में साम्प्रदायिक अशांति फैलने की नौबत आ गयी थी। कुछ सरफिरे एवं तुच्छ मानसिकता के लोग दो समुदायों में दंगे कराने के आरोपी पाए गए थे। पुलिस प्रशासन ने साम्प्रदायिक अशांति फैलाने वालों की सूची बनायी थी। जिसमें पहले नम्बर पर जुनैद आलम पुत्र खलील अहमद का नाम था।
जुनैद आलम इस वर्ष शहर के एक वार्ड से सभासद पद का चुनाव जीत गया। यहां बता दें कि चुनाव जीतने के बाद विजयी रैली निकालने पर प्रतिबंध के बावजूद जुनैद व उसके समर्थकों ने विजयी रैली निकाली। धूमधड़ाके के साथ जमकर आतिशबाजी छोड़ी गई। जिसके एक बच्चा गंभीर घायल हो गया। एफआईआर के बाद पुलिस को गिरफतारी का आदेश दिया गया। परन्तु पुलिस ने बेशर्मी करते हुए गिरफतारी तो दूर की बात आरोपी को शपथ लेते देखते रही। हालांकि खानापूर्ति के लिए उसके घर पर दबिश दी गई। परन्तु पूरी पुलिस टीम के आखों के सामने जुनैद ने शपथ ग्रहण की और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। पुलिस के हाथ पैसों से बंधे दिखाई दिए। आरोपी ने शिकायतकर्ता को डरा, धमका कर चुप करा दिया। और फिर दबंगई करनी शुरू कर दी। और यह सब कुछ हुआ हमारी अंधी पुलिस के सामने।
एक सप्ताह बाद मुहर्रम का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर हमेशा साम्प्रदायिक शांति बनाए रखने की अपील की जाती है। पुलिस इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। लेकिन क्या जुनैद का नाम सूची में पहले नम्बर पर होने के बाद भी उसे खुले बैल की तरह छोड़ना शहर के लिए घातक नहीं होगा? 

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