अमरोहा। मामला नौगांवा सादात के निकटवर्ती एक गांव का है। गरीब मासूम छात्रा को अमीर बिगड़ैल युवक ने हवस का शिकार बना लिया। पंचायत हुर्इ और मासूम की इज्जत की कीमत मात्र तीन हजार रूपये लगायी गयी।
आपको सुनकर भले ही आश्चर्य हो रहा हो, लेकिन यहां यह बात किसी के लिए नर्इ नहीं है। आए दिन ऐसी शर्मनाक घटनाऐं यहां होती रहती हैं। यह सब जानकर भी हम चुप बैठे है...क्यों? क्या गरीबों की बेटियों की कोर्इ इज्जत नहीं होती? यह कैसा फैसला है ? क्या फायदा होता है ऐसी पंचायतों से? ये लोग क्यो दे रहे हैं इन वहशियों को बढ़ावा ?
सवाल तो हजारों है। पर जवाब कोर्इ नहीं। पैसे की चकाचौंध ने ग्रामीणों को अंधा बना दिया है। जो अमीर है वह गरीबों का किसी भी रूप से शोषण कर सकता है। बेशक पंचायत होगी, जिसमें कुछ रूपये देकर ये लोग बड़े आराम से बच कर निकल जाऐंगे।
कदम उठाऐं, भेदभाव न करें:
इस तरह के मामले में गलती न तो अमीरी की है और न ही गरीबी की। गलती है इस तुच्छ सोच की। भेदभाव न करें, बेशक बदलाव होगा। बस जरूरत है आगे बढ़कर बोलने की। गरीबों को बराबर सम्मान दें, याद रखें पैसे से कोर्इ छोटा बड़ा नहीं होता। सोच हमें छोटा, बड़ा बनाती है।
0 comments:
Post a Comment