आजकल जैसे-जैसे सेलफोन शक्तिशाली होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उनकी बैटरी लाइफ घटती जा रही है। चार-पांच साल पहले सप्ताह में दो या तीन बार मोबाइल फोन को चार्ज करना पड़ता था, लेकिन आज आपको दिन में एक से अध्कि बार फोन को चार्जर से जोडऩा पड़ता है।
आईफोन हो या ब्लैकबेरी, नोकिया का लूमिया हो या एचटीसी या सैमसंग का एंड्रॉयड, आपको ऐसे बहुत कम फोन मिलेंगे जो एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद पूरा दिन गुजार दें। दरअसल, इसमें दोष बैटरी का नहीं है। बड़े और शक्तिशाली फोन के साथ बैटरी की खपत बढऩा स्वाभाविक है। क्योंकि, फोन पतले होते जा रहे हैं इसलिए बैटरी की मोटाई घटाना मजबूरी हो गया है। इस सब का परिणाम है सीमित बैटरी लाइफ और बार-बार फोन को चार्ज करने की जरूरत। वैसे कुछ सावधानी बरती जाए तो आप बैटरी की लाइफ बढ़ा सकते हैं।
Source: Dainik Bhaskarआईफोन हो या ब्लैकबेरी, नोकिया का लूमिया हो या एचटीसी या सैमसंग का एंड्रॉयड, आपको ऐसे बहुत कम फोन मिलेंगे जो एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद पूरा दिन गुजार दें। दरअसल, इसमें दोष बैटरी का नहीं है। बड़े और शक्तिशाली फोन के साथ बैटरी की खपत बढऩा स्वाभाविक है। क्योंकि, फोन पतले होते जा रहे हैं इसलिए बैटरी की मोटाई घटाना मजबूरी हो गया है। इस सब का परिणाम है सीमित बैटरी लाइफ और बार-बार फोन को चार्ज करने की जरूरत। वैसे कुछ सावधानी बरती जाए तो आप बैटरी की लाइफ बढ़ा सकते हैं।
0 comments:
Post a Comment