Friday, 21 December 2012

फेसबुक पर कॉन्टेक्ट के लिए लगेगा चार्ज


 

नई दिल्ली। अब सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक एक "छोटे प्रयोग" के नाम पर अपने सब्सक्राइबर्स से फीस वसूलने की तैयारी में है। अगर फेसबुक यह बदलाव करता है, तो आपको फेसबुक पर किसी अजनबी से कॉन्टेक्ट करने पर एक डॉलर की फीस चुकानी होगी। 

"प्रमोटेड स्टेटस मैसेज" की शुरूआत करने के कुछ ही महीनों बाद फेसबुक ने शुक्रवार को घोषणा की है कि वह पेड मैसेज के रूप में एक "छोटे प्रयोग" की शुरूआत करने जा रहा है। 

आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए मैसेज के अनुसार फेसबुक युजर्स को भेजे जाने वाले मैसेज को और प्रभावी बनाने के लिए वेबसाइट कई तरह के बदलाव करने जा रही है। होने वाले बदलाव में यह भी शामिल है कि एक ऎसी एक्सपेरिमेंटल सर्विस शुरू की जाएगी, जो फेसबुक यूजर्स को ऎसे व्यक्ति को भी प्रायोरिटी मैसेज भेजने की सुविधा देगी, जो उसकी फ्रैंड लिस्ट में शामिल नहीं है। हालांकि इसके लिए यूजर्स से 1 डॉलर का शुल्क लिया जाएगा। 

यह शुल्क अभी फाइनल नहीं है और भविष्य में फेसबुक इसे बदल सकता है। हालांकि यह सेवा शुरूआत में अमरीका के यूजर्स के लिए ही होगी और भेजे जाने वाले मैसेज की संख्या भी हफ्ते में सिर्फ एक तक सीमित की जाएगी। इससे पहले फेसबुक ने एक एक्सपेरिमेंटल सर्विस शुरू की थी, जिसमें स्टेटस मैसेज को प्रमोट करने की सुविधा है। फिलहाल यह सुविधा कई देशों के चुनिंदा यूजर्स के लिए है और इसके लिए एक मैसेज के 7 डॉलर के हिसाब से फीस ली जाती है। 
patrika

एयरटेल-वोडाफोन के विरूद्ध चार्जशीट


 

नई दिल्ली। सीबीआई ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के संबंध में दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन तथा एक पूर्व दूरसंचार सचिव के विरूद्ध शुक्रवार को आरोप पत्र दाखिल किया। 

सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद जांच एजेंसी के वकील एके सिंह ने बताया कि कंपनियों के किसी अधिकारी का नाम आरोप पत्र में नहीं है लेकिन दूरसंचार विभाग के एक पूर्व सचिव का नाम है। यह मामला वर्ष 2002 में अतिरिक्त टूजी स्पेक्ट्रम के आवंटन से संबंधित है और उस समय श्यामल घोष दूरसंचार सचिव थे। 

सीबीआई का आरोप है कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन का निर्णय इन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया था। आरोपियाें पर आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई के अनुसार इस आवंटन से सरकार को 846 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में टूजी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन में अनियमितताओं के कारण उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष फरवरी में 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे और इस मामले में पूर्व संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए. राजा तथा दूरसंचार विभाग के कुछ पूर्व अधिकारियों के विरूद्ध मुकदमा चल रहा है। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को वर्ष 2001 से 2007 के दौरान टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच भी करने को कहा था।
patrika

सोशल साइट्स पर फोटो अपलोड करने के खिलाफ फतवा


बरेली। सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक संगठन ने वैवाहिक वेबसाइट तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक इत्यादि पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार दिया है। इसने मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी है। 
 
उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग ने यह फतवा जारी किया है। कानपुर के इजहार नामक व्यक्ति ने इससे सवाल पूछा था कि वैवाहिक वेबसाइट और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर फोटो डालना किस हद तक जायज है। इस पर मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। ऐसे में इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करना हराम होगा। 
 
उन्होंने कहा कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि बगैर तस्वीर वाला बायोडाटा इंटरनेट पर डाला जा सकता है। इसके अलावा पासपोर्ट, हज या फिर अन्य आवेदनों के लिए फोटो लगाई जा सकती है, बशर्ते ऐसा करना जरूरी हो। शाही जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि इस संबंध में मुफ्ती आजम हिंद का फतवा पहले से है जिसमें बिना जरूरत तस्वीर को हराम बताया गया है। कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर की मनाही का मूल उद्देश्य किसी साकार चीज की पूजा-परस्तिश को रोकना है। 

कैदियों में भी गुस्‍सा: गैंगरेप के आरोपी को पिलाया पेशाब


नई दिल्‍ली। दिल्‍ली गैंगरेप के आरोपियों से तिहाड़ जेल में बंद कैदी भी नफरत कर रहे हैं। यहां मुकेश की न सिर्फ पिटाई हुई बल्कि उसे मलमूत्र भी जबरन खिलाया गया। कैदियों ने जमकर उसकी पिटाई भी की। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे दूसरे बैरक में भेज दिया।
 
मुकेश की की पहचान आइडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) के दौरान पीडि़ता के दोस्त ने की थी।  परेड के दौरान पीडि़ता के दोस्त के सामने 11 लोगों को खड़ा किया गया था। इन सभी लोगों को देखने के बाद उसने मुकेश को पहचान लिया। टीआईपी के दौरान एक मजिस्ट्रेट, दक्षिण दिल्ली जिला पुलिस और तिहाड़ जेल के अधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वारदात के वक्त पीडि़ता का यह दोस्त बस में ही मौजूद था। आरोपियों ने इसकी भी बेरहमी से पिटाई करने के बाद दोनों को महिपालपुर फ्लाईओवर के पास फेंक दिया था। बुधवार को साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने शिनाख्त परेड से इंकार कर दिया था, जबकि राम सिंह नामक चौथे आरोपी ने मंगलवार को अदालत के समक्ष शिनाख्त परेड से इंकार किया था।
 
माता-पिता भी आजिज आ चुके थे मुकेश और राम सिंह के चाल-चलन से 
 
मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार मुकेश और राम सिंह का चाल-चलन लंबे समय से आपत्तिजनक रहा है। दोनों अक्सर शराब के नशे में अपनी मां की पिटाई करने से भी बाज नहीं आते थे। दोनों बेटों के इस बर्ताव से दुखी होकर इनके माता-पिता दिल्ली छोड़कर वापस राजस्थान चले गए थे। पुलिस अधिकारी के अनुसार हैवानियत भरे इस कृष्य को अंजाम देने वाले राम सिंह के चेहरे पर गिरफ्तार किए जाने के बाद से लेकर तिहाड़ जेल भेजे जाने तक किसी तरह का पछतावा नहीं दिखा। 
source: Bhaskar

बेख़ौफ़ ईंट भट्टा स्वामी...


लखीमपुर खीरी । रफ़्तार 24 न्यूज़  

गोपाल गिरी। न्यायालय और सरकार द्वारा ईंट भट्ठों पर लगाईं गई पाबंदी भले ही पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है वही लखीमपुर जिले के  ईंट भट्ठे बेधड़क होकर चल रहे है / मितौली छेत्र  से मिली तस्वीर साफ़ बया कर रही है कि जिले में लगाईं गई पाबंदी का अनुपालन कितनी सख्ती से कराया जा रहा है /भट्ठों की चिमनियो से उठता धुँआ और धधकती आग ही क़ानून की अवमानना  का सुबूत नहीं है बल्कि धूप में सूखने के लिए रखी ताजी इंट इनके बुलद हौसलों का जीता जागता सुबूत है  / ईंट बनाने पर लगी रोक के बाद  ईंटो की कीमत में इजाफा हो जाने से भट्ठा व्यवसाई नियम क़ानून को ताक  पर रख कर मुनाफ़ा कमाने के लिए किसी  भी जोखिम के लिए मुस्तैद   है / जिलाप्रशाशन की तरफ से कठोर कार्यवाई  का आभाव व्यवसाय से जुडे लोगो के होसले बुलंद कर रहा है / जिले में कई दर्जन भट्ठे बेधड़क होकर धधक  रहे है /अडतीस सौ रुपय सैकडा में मिलने वाली ईंट  अब पाबंदी के बाद खुले तौर  पर पांच हजार रुपय में बेची जा रही है जबकी भट्ठा व्यवसाई लगातार ईंट बनाने के बाबजूद पाबंदी का खामियाजा जरुरतमंदो की जेबों से पूरा कर रहे है / जिला प्रशाशन की निगरानी में भट्ठों का बेलगाम दिखना कई सवाल खडे कर रहा है जिससे साफ़ तौर पर कहा जा सकता है की प्रशाशन कानून का उल्लंघन कर रहे भट्ठा व्यवसाइयो को तिरछी निगाह से नहीं देख पा रहा है /

Wednesday, 12 December 2012

ठीक 12:12 बजे जन्मीं दो बेटियां


जोधपुर. 12 दिसंबर। रात के 12 बजे, 12 मिनट और 12 सैकंड..शुभ मुहूर्त। कई लोगों ने सपने सजाए। इसी घड़ी का सबको था इंतजार। उम्मेद अस्पताल में इस घड़ी उम्मीदों ने पंख लगाए। पहले 12 बजे प्रतापनगर की रिंकी के बेटा हुआ। 
 
..और 12 बजकर 12 मिनट पर महामंदिर क्षेत्र की कैलाश कंवर व शेरगढ़ की मुन्नी ने बेटियों को जन्म दिया। तीनों बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से हुए। नन्हे फूलों का उनके परिजन तो जश्न मना ही रहे थे, अस्पताल का स्टाफ भी इस खुशी में शामिल था। 
 
-पूरणसिंह
 
अनोखे पल को यादों में बसा लेने की ज़िद
 
12.12.12 यानी 12 तारीख, 12वां महीना और 12वां साल। कहने को तारीख। लेकिन मानने वालों के लिए दुर्लभ पल। किसी ने इस पल में शादी करने के लिए बरसों इंतजार किया। तो कुछ ऐसे हैं जो इस खास मौके पर किलकारी सुनने के लिए सीजेरियन डिलीवरी करा रहे हैं। अस्पताल फुल हो चुके हैं। 
 
डॉक्टर डिलीवरी के केस नहीं ले रहे। लेकिन लोग दोगुनी, चौगुनी फीस देकर भी ऑपरेशन के लिए डॉक्टर को तैयार करने में जुटे हैं। ऐसा हो भी क्यों न। ऐसा मौका अब 89 साल बाद आएगा।
 
 
01.01. 2101 के रूप में। 
 
लखनऊ में करीब 200 बच्चों का जन्म उनके माता-पिता के दबाव से ऑपरेशन के जरिये इसी दिन होना है। यूपी के ही इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, आगरा जैसे बड़ों शहरों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो 3 हजार से ज्यादा बच्चे जन्म लेंगे। गुजरात में २क्क् बच्चों का जन्म ऑपरेशन के जरिये होना है। सूरत में ही पिछले वर्ष 11.11.11 के संयोग पर 11 टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ था। 
 
भोपाल में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में इस दिन 12 बजे 12 निसंतान दंपतियों के लिए भ्रूण तैयार किए जाएंगे। राजस्थान में भी 150 से ज्यादा सीजर बेबी जन्म लेंगे। उदयपुर में हिरणमगरी के महेंद्रसिंह की पत्नी पूजा 12 दिसंबर को 12 बजकर 12 मिनट पर बच्चे को जन्म देंगी। 
 
इसी प्रकार अजमेर की दिव्या राठौड़ की डिलीवरी भी 12 बजे होनी है। लखनऊ की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रतिभा सिन्हा ने बताया कि वे खुद 4-5 डिलीवरी कराने वाली हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 37 सप्ताह के बाद ऑपरेशन से सुरक्षित प्रसव कराया जा सकता है। 
 
शादी के लिए विशेष तैयारी
 
देशभर में जो आंकड़े मिले हैं, उसके मुताबिक कोई 10 से 12 हजार शादियां इस दिन होना है। अकेले राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली में ६क्क्क् शादियां इस दिन हैं। कोटा में राजाराम जैन कर्मयोगी ने विशेष तैयारी की है। उनकी बरात में 12 दर्जन घोड़ों पर 12 दर्जन बराती बैठेंगे। 
 
दूल्हे राजाराम खुद पैदल चलेंगे। ठीक 12 बजकर 12 मिनट पर वरमाला होगी। रास्ते में 12 जगह स्वागत द्वार लगेंगे। शहर के 12 चौराहों पर शहनाई वादन होगा। बरात में 12 बैंड (प्रत्येक में 12-12 बैंडवादक), 12 पेज का निमंत्रण पत्र, 1200 व्यक्तियों का प्रीतिभोज, इसमें 12 तरह के व्यंजन और 12 पंडितों शामिल होंगे। वचन भी 7 के बजाय 12 लेंगे। 
 
इसी प्रकार रतलाम के भावेश-पारुल शर्मा की भी शादी इसी दिन हो रही है। वे भी 12 वचन लेंगे। जमशेदपुर की अरुणिमा-संजय पिछले 3 साल से अपनी शादी टालते रहे हैं। वे इस खास मौके पर परिणय सूत्र में बंधेंगे। 
 
कुछ अन्य आयोजन भी
 
रतलाम के इंजीनियर कपिल व्यास अपने मकान का गृह प्रवेश इस दिन 12 बजकर 12 मिनट पर करेंगे। 12 प्रकार की प्रसादी और 12 लोगों से आरती करवाई जाएगी। भिवानी में कॉपरेरेशन बैंक भी इस जादुई नंबर से अछूता नहीं रहा। बैंक इस दिन पूरे हरियाणा में अपने 12 एटीएम का उद्घाटन करने जा रहा है। भोपाल, इंदौर, रांची, रायपुर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों में भी इस दिन कई खास आयोजन होने जा रहे हैं।
 
एपोफीनिया कहते हैं अंकों के इस खेल को
 
किसी खास नंबर की तरफ आकर्षित होने को मनोचिकित्सा विज्ञान में एपोफीनिया कहते हैं। कई ऑस्कर जीत चुकी फिल्म ए ब्यूटीफुल माइंड के मुख्य पात्र को फिल्म में इसी बीमारी से ग्रस्त दिखाया गया है। एपोफीनिया हमें एब्स्ट्रैक्ट ड्राइंग्स को पहचानने, किसी विशेष पैटर्न पर दिए गए फोन नंबरों को याद रखने में भी मदद करता है। इस शब्द को 1958 में क्लॉस कोनार्ड ने गढ़ा था। वे न्यूरोलॉजिस्ट और साइकाइट्रिस्ट थे।
 
>एएम (एंटी मेरिडियम यानी पूर्वाह्न्) और पीएम (पोस्ट मेरिडियम यानी अपराह्न्) 12-12 घंटों के। 
 
>कलर व्हील में मुख्य 12 रंग होते हैं। 
 
>मानव शरीर में पसलियों की 12 जोड़ियां होती हैं।
 
>चांद पर अब तक 12 लोग पैदल चल चुके हैं। 
 
>बच्चा भी 12 वर्ष तक ही होता। इसके बाद वह किशोर की श्रेणी में आ जाता है।
 
>यूरोप के झंडे में 12 सितारे हैं।
 
>क्रिकेट टीम में 12 खिलाड़ी। 11 खेलते हैं और 12वां खिलाड़ी एक्स्ट्रा के तौर पर लिया जाता है। इसी तरह अन्य खेलों में भी टीम 12-12 खिलाड़ियों की ही होती है। 
source:bhaskar

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मौत का क्रिकेट मैच:पीट पीट कर उतर दिया मौत के घाट


लखीमपुर खीरी । रफ्तार 24 न्यूज़ 

गोपाल गिरी। लखीमपुर खीरी की तहसील वा कस्बा  मोहम्मदी में बच्चो के बीच चल रहा क्रिकेट मैच में एक कैच छुट जाने के बाद खेल अचानक मौत के खेल में तब्दील हो गया / खिलाड़ी की गलती से छुटा एक कैच जो उसकी मौत का कारण बन गया छुटे कैच को टीम की हार का सबब मानकर  हमलावर हो उठे टीम  के दो खिलाड़ी जो इसकदर हैवानियत पर उतर आये कि उन्होने अपने ही साथी को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया / मोहम्मदी के शुक्लापुर कस्बे में चल रहा बच्चो का क्रिकेट मैच जिसे लोग बच्चो का शगल मानकर साधारण  नजर से देख रहे थे किसी को इस बात का अंदाजा तक  नहीं था की चल रहा खेल जिसका अंत खौफनाक मौत के साथ होगा/ दो टीमो में चल रहा मौत का रोमांचक मैच जिसमे बोलिंग कर रही टीम काफी दबाव में थी जीत के लिए चल रहा संघर्ष चरम पर था इसी बीच बल्ले से उछला कैच फील्डिंग कर रहा सिमरन की जिन्दगी बन गया जिसे वो अपनी मुट्ठी में नहीं भर  सका / हाथो से कैच छूट जाना सिमरन के लिए मौत का परवाना बन गया नाराज खिलाड़ी अनस और यासिर इस हार को बर्दास्त नहीं कर पाए इस हार का जिम्मेदार सिमरन को मानते हुए पीटना शुरू कर दिया और तब तक की मौत के आगोश में सो नहीं गया।

Sunday, 9 December 2012

नागमणि के ठग


लखीमपुर खीरी । रफ़्तार 24 न्यूज़ 

गोपाल गिरी।- लखीमपुर खीरी जिले में चल रहा नागमणि के नाम पर ठगी का धंधा जो काफी अरसे से लोगो की कमाई पर डाका डाल रहा था / निघासन धौरहरा इलाके में ठगों का फैला जाल जिसमे नेटवर्क के जरिये लोगो को बेवकूफ बनाकर गाँव बुला लिया जाता जहा उनसे लाखो रुपय ये लोग ठग लेते थे / बेशकीमती दोमुहा साप और असली नागमणि दिलाने का झांसा देकर बाहर के पेसे वाले ग्राहकों को फसाया जाता है बाद ने नकली नागमणि मोटी रकम लेने के बाद को पार्टी के हवाले कर दी जाती है/ शातिर जालसाजो का गिरोह विश्वाश में लेने के लिए नकली नागमणि से तेज रोशनी दिखा देता था जिसमे इलेक्ट्रोनिक सर्किट और बल्ब का प्रयोग किया जाता है/ निघासन इलाके में ठगी के लिए बदनाम हो चुका गाँव सोठियाना जहा ठगों ने सारी हदे पार कर दी और एक आदमी को बंधक बना लिया जबकि दूसरे साथी ने जान बचाकर पुलिस को जानकारी दी / हरकत में आई पुलिस ने बदायूँ के युवक को ठगों की कैद से मुक्त कराया वही चार ठगों को हिरासत में लेकर जेल का रास्ता दिखा दिया है /

लखीमपुर खीरी जिले की निघासन और धौरहरा तहसील इलाको जालसाजो का जाल जिसमे उलझकर कई लोग ठगी का शिकार हो चुके है / लाखो जहरीले विषधर नागो में किसी एक के सर में पाई जाने वाली दुर्लभ और बेशकीमती नागमणि जिसे पाकर इंसान करोडपति बन जाता है उसी नागमणि के बदले ठग जिले में दर्जनों लोगो को अब तक ठगी का शिकार बना चुके है / बाहर से आने वाले खरीददार को अपने ठिकाने पर बुलाने के बाद नागमणि से तमाम करतब दिखाकर ये ठग नकली को असली बनाकर आसानी से रकम वसूल लेते थे / इस बार भी खरीददारों से एडवांस पचास हजार की मांग गई थी लेकिन पैसे आने तक उनके एक व्यक्ति को इन ठगों ने रोक लिया जिसने पुलिस के सामने इनकी काली करतूतों का भांडा फोड़ दिया /

वो बलात्कारी बाप....

 

बचपन यानी सच व झूठ, तमाम दुनियादारी से बेखबर, हंसता, खिलखिलाता पौध। मगर, उस पौध को किसी की नजर लग गयी है। वह बढऩे, पुष्पित, संरक्षित होने से पहले ही मुरझा, सूख रहे हैं। बच्चे उस दहलीज को पार कर उतर रहे हैं जहां पहुंचने, लांघने में वर्षों लगते हैं। ता उम्र एक पूरी प्रक्रिया, थकती, हारती, जीत की कोशिश में गुजरती है। वहां तत्काल, क्षणिक, तुरंतता का आभास आज खतरनाक मोड़ पर है। घर से लेकर स्कूल तक। खेल के मैदान से लेकर परिजनों, रिश्तेदारों के बीच उनके संबंध, टूटते, बिखरते, तार-तार होते नजर आ रहे हैं। गोया, खो गया हो उनका बचपन और जवानी की मस्त रवानी के बगैर बुढ़ापे की वो कशमकश सामने, अचानक, अनायास आ पहुंचा हो जहां तनाव, मनोवैज्ञानिक संकोच, दुराग्रह, लालसा, कुंठित सोच के कारण बच्चे बहकते नजर आ रहे हैं। छोटी सी उमर में ही उनमें उस रोग के कीटाणु प्रवेश कर रहे हैं जो अमूमन बड़े होने का अहसास दिलाता है। 
मुंबई में एक बारह साला लड़के ने टीवी पर कार्टून देखते-देखते खुदकुशी चुन ली। छत से लटकी लाश से लेकर हालिया कोच्चि व दिल्ली की घटनाओं ने एक बारगी हमें बेशर्मों की कतार में ला खड़ा कर दिया है। एर्नाकुलम में एक पिता अपनी छह साल की लड़की को रोजाना शराब पिलाकर बलात्कार करता रहा। कई महीनों तक ऐसा होता रहा जिसमें पिता के चार-पांच मित्र भी शामिल थे। उस बेबस, मासूम की मां कलयुगी पति को छोड़ पहले ही एक आश्रम में रह रही है। वहीं दिल्ली की अदालत ने चौदह साल की सौतेली बेटी के साथ रेप के मामले में एक एड्स पीडि़त पिता को 25 साल की सजा सुनाकर अनेक सवाल हमारे बीच छोड़, हमें सामाजिक मर्यादा, पारिवारिक परिवेश, रहन-सहन, खान-पान से लेकर बदलते संस्कार, आधुनिक दिनचर्या पर फिर से बहस, मंथन, विमर्श करने को विवश कर गया। जाहिर है, समाज में बच्चे प्रयोग के दौर से गुजर रहे हैं। व्यवसायिक आक्रमण के साथ निजी जिंदगी की कशमकश, अकूत पैसे की चाहत, पति-पत्नी के बीच के ताने के बीच बचपन कहां गुम, खो रहे हैं उसकी चिंता कम ही दिख रही है। मां-बाप खुद बच्चों की मौलिकता नष्ट करने पर आमादा हैं। छोटे शहरों का रोग महानगरों तक है। बच्चे दोस्तों के साथ खेलने को बाहर नहीं निकल सकते। उनके पास दोस्तों की मंडली में वक्त बिताना मुश्किल हो रहा है। घरों में कैद बच्चे आधुनिक तामा-झामा में अभिभावकों के साथ भी तारतम्य नहीं बिठा पा रहे हैं। घर के लोग बच्चों के सहयोगी कम रकीब की भूमिका में ज्यादा मुखर हो रहे हैं। पटना में चार वर्षीय अरब को उसके ममेरे भाई ने ही फिरौती के लिए अगवा कर लिया। ये सब तो होना ही है। बच्चों के जेब खर्च की रकम आपने बढ़ा दी है। कभी सोचा, आखिर बच्चों की जरूरत, उनकी आवश्यकता क्या है। सोचेंगे क्यों, आप ठहरे जो काम-काजी दंपति, अभिभावक। समय की कमी, बच्चों की मनोदशा को समझने की फुर्सत का अभाव। नतीजा, हमारे बच्चे पोर्नोग्राफी की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। घर के परिजन, पड़ोसी यहां तक कि स्कूली टीचर उन्हें हवस की नजर से देखने लगे हैं। आज 53 फीसदी बच्चे दैहिक शोषण के शिकार हो रहे हैं। हर तीन में से एक लड़की, हर दस में से एक लड़का बचपन में शारीरिक, दैहिक अवसाद से गुजरा, शोषित हो रहा है। गृहराज्यमंत्री को लोकसभा में जवाब देना पड़ा। देश भर में वर्ष 2009 में बाल पोर्नोग्राफी के 105, वर्ष 2008 में 99 व वर्ष 2007 में 90 मामले दर्ज हैं। यानी ऊपर की ओर ग्राफ का साफ संकेत है, हम, हमारे बच्चे आज किस पोजिशन में हैं। इलेक्ट्रिक प्रारुप में तो बच्चों को स्पष्ट यौन उत्पाद के तौर पर दर्शाते, सुप्रचारित करते दिखाना समाज की अंधी मानसिकता का सरोकार है। आखिर बच्चों से क्या-क्या काम कराएंगे यह तो सोचना होगा। ईमेल भेजना हो, संगीत, फिल्म डॉउनलोड करनी हो सभी घरों में बच्चों के जिम्मे ही है। फेसबुक पर बच्चे नए अवतार में दिख रहे हैं। आपके घर में बिग बॉस के साथ कई चैनल व साइट 
पहले से हीं हैं। यानी बेशर्म, असभ्य राजनीति के साथ कम कपड़ों में निगहवानी से बच्चे रोज गुजर, रू-ब-रू हो रहे हैं। बच्चे अब कल्पना शक्ति से दूर, चंचल कम वयस्क ज्यादा लगने लगे हैं। इससे उनमें रचनात्मकता व हास्य बोध कम होकर पहले से ही शिक्षा का बोझ, तय पाठ्यक्रम की पढ़ाई से बेहाल बच्चे हंसी को छोड़ पूरे जीवन काम आने वाली चीजों को सीखने की ललक में आपा खो रहे हैं। अभिभावक भी बच्चे को रातों-रात एक मौके की तलाश में भटकने की मानसिकता पाले बैठे हैं। ऐसे में लड़कियां उन्मुक्त हो रही हैं। अभिभावकों को भी लगता है किसी साउथ के निर्माता की नजर बेटी पर टिक गयी तो एक ठुमके लगाएगी ढाई करोड़ पा लेगी मेरी बेटी। यही वजह है, अभिभावक अपने बच्चे की मार्केटिंग और प्रचार में लगे रहते हैं। फलसफा बच्चों के फ्लेवर और कलेवर बदल रहे हैं। ब्रिटेन में बारह साल के बच्चे हर हफ्ते 19 गिलास वाइन पी लेते हैं, किशोर लड़कियों का कहना है कि वह ठीक से सो नहीं पाती। स्कूल में तरो-ताजा रहने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ती है। आखिर अभी से बच्चों को नींद आए, सही सोच, समग्र विस्तृत चिंतन के साथ वो आगे बढ़े इसकी जवाबदेही लेगा कौन। समाज, देश या फिर घर के अभिभावक, जो एक इमारत की नींव तो डाल गए लेकिन उसे खंडहर होने से नहीं रोक पा रहे। उस पौध को पानी देगा कौन जिसकी जड़ें आसमान से भी ऊपर जा सकती है, उस चाहत को शब्द चाहिए जिसे अभी जिंदगी का व्याकरण, क, ख, ग सीखने के लिए तूलिका पकड़ाने की जरूरत है। बात वहीं हो गयी। आई एम कलाम व स्टेनली का डिब्बा घर बैठे देखो और रावन के लिए सिनेमा हॉल चलो, कारण उसमें कंडोम-कंडोम है तो नाचते अधनंगी लड़कियां। ऐसे में टीवी धारावाहिक परवरिश के मां-बाप की तरह हर अभिभावक अगर आगे आए, बच्चों के लिए हर भूमिका में तैयार रहे, खुद के आचरण में बच्चों की आचार संहिता का निर्माण करें तो छोटे मियां को सुभान अल्लाह बनने से कौन रोक पाएगा भला।

Manoranjan Thakur


Thursday, 6 December 2012

दामन की पहल को रफ़्तार 24 न्यूज़ का सलाम....


रफ़्तार 24 न्यूज़। इंटरनेट डेस्क


एक ओर नारी को अबला न समझने पर जोर दिया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर हमारे देश का कानून महिलाओं को हमेशा अबला की नजर से देखता है। बात चाहे जो भी हो विवाहिता अगर दहेज का मुकदमा कर दे तो पति का पूरा खानदान जेल पहुंच जाता है। जांच बाद में होती है, जेल ही हवा पहले खिलाई जाती है। 
अगर कोई मर्द किसी औरत को प्रताड़ित करे तो समाज आगे आएगा, तमाम संगठन आन्दोलन शुरू कर देंगे। सच्चाई बाद में सामने आएगी, आरोपी को दोषी पहले ही ठहराया जाएगा। समाज में उसे कू्ररता भरी नजरों से देखा जाएगा। 

क्या हर मर्द महिलाओं को प्रताड़ित ही करता है? हर महिला आज भी अबला है? 

ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब मांगने के लिए अग्रसर संस्था दामन तथा इसके संचालक मनुज गुप्ता हो रफ़्तार 24 न्यूज़ सलाम करता है। 

हमारा मकसद किसी संस्था या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, फिर भी अगर किसी की भावनाऐं आहत हों तो इसके लिए हम क्षमा चाहतें हैं। आप अपनी आपत्ति editor@raftaar24news.com पर ईमेल करें। प्रकाशित करने में हमें बहुत खुशी होगी।- एडिटर 

छोड़ दो प्यार करना....वरना मार दिए जाओगे....




मुरादाबाद। रफ़्तार 24 न्यूज़ 

कहने को हम 21 वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन इसी जहां में बहुत लोग रूढ़िवादी सोच के साथ जीते हैं। उनका मकसद धर्म, जाति, लाज-लज्जा के नाम पर प्यार करने वालों की बलि चढ़ाना है। ताजा मामला है जनपद की तहसील कांठ के छजलैट के निकटवर्ती गांव का।

संजीव-अंजुम ये दो ऐसे नाम हैं जो छजलैट के बच्चे-बच्चे को याद हैं। और शायद छजलैट इन्हें कभी भूल भी नहीं पाऐगा। बीते सप्ताह दो प्यार करने वालों पर कहर बरपाया गया। प्रेमिका को इतना पीटा की उसकी मौत हो गयी। वहीं प्रेमी को आत्महत्या पर मजबूर किया गया। आखिर इस प्रेम कहानी ने रूढ़िवादी सोच के दम तोड़ दिया। या सच कहा जाए तो प्यार का गला घोंट दिया गया।

छजलैट के गांव कूरी रवाना निवासी संजीव का पड़ौसी की मुस्लिम समुदाय की लड़की अंजुम से लम्बे अरसे से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जो परिजनों को कतई र्बदास्त नहीं था। कई बार रोक लगायी गयी। लेकिन प्रेमी युगल का प्यार कम नहीं हुआ।

मंगलवार का दिन प्रेमी युगल के लिए कहर बन कर आया। पहले प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमिका की इतनी पिटाई की कि उसके शरीर पर एक दो नहीं 27 गंभीर चोटें आयीं। उसके पेट पर भी जानवरों की तरह वार किए गए जिससे उसकी तिल्ली फट गयी। पोस्टर्माटम रिपोर्ट में साफ हो गया कि उसकी मौत तिल्ली फटने से हुई है। इतने से भी वहशियों का मन नहीं भरा तो युवती को जबरदस्ती जहर खिला दिया गया।

उसके बाद वहशीपने पर उतरे प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी को भी प्रताड़ित किया उसे इतना पीट की उसने खुद आत्म हत्या कर ली। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे संजीव के मंुह से बस कुछ शब्द निकले जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया। उसके आखिरी शब्द थे........मुझे बचा लो वरर्ना वे मुझे मार डालेंगे।

पुलिस चाहती तो आज जिंदा होते संजीव-अंजुम

पूरे मामले में पुलिस शक के घेरे में नजर आ रही है। घटना से एक दिन पहले प्रेमी युगल ने पुलिस थाने पहुंच कर गुहार लगायी थी कि उन्हें परिजनों से बचाऐं। उनकी जान को खतरा है। प्रेमी युगल पुलिस के आगे रोता रहा कि वे लोग हमें मार डालेंगे। मगर पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और परिजनों को बुला कर समझौता करा दिए। अगर पुलिस जरा भी समझदारी दिखाती तो शायद इस प्रेम कहानी का इतना दर्दनाक अन्त नहीं होता।

Monday, 3 December 2012

कामसूत्र स्टार शर्लिन ने बताया, कैसे करें सेक्स!


कामुक मॉडल और अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा ने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लोगों को सेक्स ज्ञान दिया। शर्लिन ने यह ज्ञान एक रेडियो चैनल के जरिए दिया। 
शर्लिन ने एक रेडियो चैनल के माध्यम से श्रोताओं को सेफ सेक्स करने की सलाह दी। शर्लिन ने कहा, "दुनिया को मैच्योर होने की ज़रूरत है, भले ही सेक्स के मामले में हम कितने ही वाइल्ड क्यों न हो जाएं।"

शर्लिन भारत की पहली ऐसी महिला हैं, जिसकी न्यूड तस्वीर विश्वप्रसिद्ध मैन्स मैगजीन प्लेबॉय के कवर पेज पर प्रकाशित की जाएगी।





बीते दिनों प्लेबॉय मैगजीन के क्रू मेंबर के साथ न्यूड तस्वीरें अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट करके शर्लिन ने हंगामा मचा दिया था। 








अगले साल यानी 2013 में शर्लिन, रूपेश पॉल
की बोल्ड फिल्म कामसूत्र 3डी में भी दिखाई देंगी।
गौरतलब है कि इससे पहले शर्लिन अपनी हरकतों की वजह से कंट्रोवर्सी क्रिएट कर चुकी हैं। शर्लिन ने हस्तमैथुन करते हुए खुद की तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कर दी थीं। हालांकि भारी विरोध के कारण शर्लिन ने कुछ ही देर में ये तस्वीरें हटा ली थीं। 

शर्लिन ने यह भी ट्वीट किया था कि वे पैसा कमाने के लिए भी सेक्स कर चुकी हैं। हालांकि शर्लिन ने यह भी लिखा थी कि अब वह ऐसा नहीं करना चाहती।  Source:Bhaskar

Sunday, 2 December 2012

46 की उम्र में भी फिगर ऐसा कि सबकी निगाहें थम गईं


सलमा हयाक को दुनिया की सबसे आकर्षक महिला के तौर पर जाना जाता है। सलमा कई बार ये साबित भी कर चुकी हैं कि इन्हें यूं ही नहीं आकर्षक महिलाओं की फेहरिस्त में शामिल किया गया है। 
 
सलमा शुक्रवार को एकापुल्को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंची थीं। इस दौरान फ्लोर लेंथ साइज का गाउन पहने सलमा पर सभी की नज़रें टिकी हुई थी। 

'मटरु की बिजली का मंडोला' में अनुष्का का हॉट लुक


'ओंकारा' और '7 खून माफ' जैसी सुपरहिट फिल्में बना चुके निर्देशक विशाल भारद्वाज अपनी नई फिल्म 'मटरू की बिजली का मंडोला' के साथ वापस आ रहे हैं। 
 
अनुष्का शर्मा, इमरान ख़ान, शबाना आज़मी, आर्य बब्बर और पंकज कपूर को लेकर बन रही यह फिल्म अगले साल 11 जनवरी को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज होगी। 


कैट ने कभी नहीं देखा स्कूल - कॉलेज का मुंह तो करिश्मा हैं 5वीं पास


क्या आप जानते हैं कि हमारे ज्यादातर फ़िल्मी सितारे ग्रेज्युएट भी नहीं हैं।
जीनियस आमिर ख़ान और सुपर स्टार सलमान ख़ान ने स्कूल तक की पढ़ाई  की है तो करिश्मा कपूर सिर्फ पांचवीं क्लास पास हैं। और आज की हीरोइन नं. 1 कैटरीना कैफ़ की शैक्षिक योग्यता तो शून्य है! एक नजर सितारों की शिक्षा पर..


कैटरीना कैफ़: कैटरीना लंदन में  बसने से पहले बचपन से परिवार  के साथ चीन, जापान, फ्रांस,  स्विट्जरलैंड, पोलैंड, जर्मनी,  बेल्जियम सहित दुनिया के कई
देशों में रहीं। निरंतर स्थान-परिवर्तन के कारण स्कूल-कॉलेज में उनकी पढ़ाई नहीं हुई। उनकी जो भी किताबी शिक्षा है, सब घर पर ही हुई है। लंदन में 3 साल के निवास के दौरान उन्होंने मॉडलिंग शुरू कर दी और फिर भारत आकर फ़िल्म ‘बूम’ से एक्टिंग करियर शुरू किया। इस तरह उनकी शैक्षिक योग्यता ज़ीरो है।




ऐश्वर्या राय: ऐश ने जयहिंद कॉलेज से एक साल पढ़ाई के बाद आर्कीटेक्चर की पढ़ाई के लिए रहेजा कॉलेज में एड्मीशन लिया, पर पढ़ाई अधूरी छोड़कर मॉडलिंग व सौंदर्य
प्रतियोगिताओं की तैयारी में बिजी हो गईं। जाहिर है, वे भी अंडर ग्रेज्युएट हैं।



करिश्मा कपूर: 1990 के दशक की टॉप स्टार करिश्मा कपूर इंडस्ट्री की शायद दूसरी सबसे कम शिक्षित हीरोइन हैं (कैटरीना कैफ़ इस मामले में नं. 1 हैं)। वे सिर्फ़ पांचवीं पास हैं। छठी क्लास के दौरान उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी और 17 साल की कम उम्र में फ़िल्म ‘प्रेम कैदी’ के जरिए अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था।

परिणीति चोपडा:़ यह भी ग्रेज्युएट नहीं हैं, लेकिन उनके पास प्रोफ़ेशनल कोर्स का डिप्लोमा जरूर है। अंबाला के ‘कॉन्वेंट ऑफ़ जीसस एंड मेरी स्कूल’ से स्कूल की पढ़ाई
के बाद उन्होंने लंदन के ‘मानचेस्टर बिजनेस स्कूल’ में दाखिला लिया और वहां से पढ़ाई समाप्त कर ‘यशराज फ़िल्म्स’ में मार्केटिंग व पीआर कंसल्टैंट की
नौकरी की। वहीं उन्हें ‘लेडीज वर्सेस रिक्की बहल’ में एक्टिंग का ब्रेक मिला।

प्रियंका चोपडा: प्रियंका सॉफ्टवेयर इंजीनियर या क्रिमिनल सायकोलोजिस्ट बनना चाहती थीं, पर ‘मिस वर्ल्ड’ का ख़िताब जीतने के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बुला लिया। उन्होंने
लखनऊ, बरेली और अमेरिका में कुल मिलाकर हाई स्कूल तक पढ़ाई की है। मुंबई के जयहिंद कॉलेज में उन्होंने दाखिला तो लिया था, पर पढ़ाई नहीं कर सकीं।


रणबीर कपूर: कपूर ख़ानदान के सबसे पढ़े-लिखे पुरुष होने का गौरव इन्हें जाता है, फिर भी ये ग्रेज्युएट नहीं हैं। एचआर कॉलेज, मुंबई में 2 साल टाइम पास करने के बाद ये महाशय
न्यूयॉर्क में एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने चले गए थे।


कंगना रानाउत: कंगना बचपन से डॉक्टर बनने के सपने देखती थीं। देहरादून में स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद जब उन्हें पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा गया तो उन्होंने चुपके से कॉलेज के बजाय मॉडलिंग स्कूल में दाखिला ले लिया और मॉडलिंग से होते हुए फ़िल्मों में आ गईं। वे 10वीं पास हैं।



आमिर ख़ान: सलमान के परम मित्र आमिर ख़ान पढ़ाई के मामले में सलमान जैसे ही हैं। वे सदैव फिसड्डी स्टूडेंट रहे और मुंबई के नरसी मोनजी कॉलेज से जैसे-तैसे 12वीं पास
कर पाठ्य पुस्तकों को अलविदा कह दिया और अपने चाचा नासिर हुसैन के असिस्टेंट हो गए।

बिपाशा बसु: बस, कॉमर्स साइड से 12वीं पास हैं। वे चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती थीं, पर तभी मॉडलिंग के लिए ऑफ़र मिलने लगे और उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।


सलमान ख़ान: सलमान ने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल के बाद बांद्रा (मुंबई) के सेंट स्टैनलौस हाई स्कूल तक ही पढ़ाई की। बांद्रा के नेशनल कॉलेज में एड्मीशन लेने के बाद 11वीं की परीक्षा ही नहीं दी। यानी वे 10वीं ही पास हैं।
अक्षय कुमार: मुंबई के डॉन बॉस्को स्कूल की पढ़ाई के बाद खालसा कॉलेज में एड्मीशन तो लिया, लेकिन उनकी रुचि पढ़ाई के बजाय स्पोर्ट्स में थी। कॉलेज की पढ़ाई अधूरी छोड़कर वे मार्शल आर्ट सीखने के लिए बैंकॉक चले गए।



इमरान ख़ान: मुंबई में बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल के बाद इमरान ने सेंट जेवियर्स कॉलेज में दाखिला लिया, जहां उन्होंने पढ़ाई से ज्यादा रोमांस में रुचि ली। वहीं मिली अवंतिका आज उनकी पत्नी हैं। ख़ैर, उन्होंने केलिफोर्निया से हाई स्कूल तक पढ़ाई की है।

अनुष्का शर्मा: बंगलोर के माउंट कार्मल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने फ़ैशन शोज और प्रोडक्ट्स के लिए मॉडलिंग शुरू कर दी और ग्रेज्युएशन की पढ़ाई छोड़ दी। वे पत्राचार कोर्स द्वारा ग्रेज्युएशन कंपलीट करना चाहती थीं, पर ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में ब्रेक मिलने के बाद वह भी संभव न हो सका।



Source:Bhaskar

Saturday, 1 December 2012

स्पीक एशिया: पेमेंट प्रोसेस का द्वितीय चरण अगले सप्ताह


स्पीक एशिया सपोर्ट ग्रुप से खबर आ रही है कि स्पीक एशिया में जिन लोगों ने एक्सिट आप्शन चुना था उन्हें भुगतान का पहला प्रयोग सफल रहा। अब दूसरे बैच को भुगतान अगले सप्ताह से प्रारंभ होगा।

स्पीक एशिया के सपोर्ट ग्रुप ने अपने मेल में लिखा है कि ठाणे और रायगढ़ के मामलों का निपटारा भी आगामी 7 दिसम्बर तक हो जाएगा। बताया यह भी गया है कि जब एक्सिट आप्शन चुनने वालों का भुगतान पूरा हो जाएगा तो कंपनी एक बार​ फिर नई शुरूआत करेगी।

सपोर्ट ग्रुप ने चिंता जताई है कि स्पीक एशिया के बिजनेस मॉडल को और भी कई एमएलएम कंपनियों ने अपना लिया है। अत: अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार जब स्पीक एशिया वापस आएगी तो कुछ नए तरीके और नए बिजनेस मॉडल के साथ होगी।

सपोर्ट ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुछ लोग नकली फेसबुक पेज बनाकर पेनलिस्ट से स्पीक एशिया की ओर से संपर्क कर रहे हैं। सपोर्ट ग्रुप ने पेनलिस्ट से अपील की है कि वो ऐसे फर्जी लोगों से सावधान रहें और एकता बनाए रखें।

सपोर्ट ग्रुप ने अपने मेल में पेनलिस्टों से समर्थन बनाए रखने की अपील की है एवं आभार जताया है कि वो लगातार संघर्ष में शामिल रहे एवं उन्होंने स्पीक एशिया पर विश्वास किया।