नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों से तिहाड़ जेल में बंद कैदी भी नफरत कर रहे हैं। यहां मुकेश की न सिर्फ पिटाई हुई बल्कि उसे मलमूत्र भी जबरन खिलाया गया। कैदियों ने जमकर उसकी पिटाई भी की। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे दूसरे बैरक में भेज दिया।
मुकेश की की पहचान आइडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) के दौरान पीडि़ता के दोस्त ने की थी। परेड के दौरान पीडि़ता के दोस्त के सामने 11 लोगों को खड़ा किया गया था। इन सभी लोगों को देखने के बाद उसने मुकेश को पहचान लिया। टीआईपी के दौरान एक मजिस्ट्रेट, दक्षिण दिल्ली जिला पुलिस और तिहाड़ जेल के अधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वारदात के वक्त पीडि़ता का यह दोस्त बस में ही मौजूद था। आरोपियों ने इसकी भी बेरहमी से पिटाई करने के बाद दोनों को महिपालपुर फ्लाईओवर के पास फेंक दिया था। बुधवार को साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने शिनाख्त परेड से इंकार कर दिया था, जबकि राम सिंह नामक चौथे आरोपी ने मंगलवार को अदालत के समक्ष शिनाख्त परेड से इंकार किया था।माता-पिता भी आजिज आ चुके थे मुकेश और राम सिंह के चाल-चलन से
मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार मुकेश और राम सिंह का चाल-चलन लंबे समय से आपत्तिजनक रहा है। दोनों अक्सर शराब के नशे में अपनी मां की पिटाई करने से भी बाज नहीं आते थे। दोनों बेटों के इस बर्ताव से दुखी होकर इनके माता-पिता दिल्ली छोड़कर वापस राजस्थान चले गए थे। पुलिस अधिकारी के अनुसार हैवानियत भरे इस कृष्य को अंजाम देने वाले राम सिंह के चेहरे पर गिरफ्तार किए जाने के बाद से लेकर तिहाड़ जेल भेजे जाने तक किसी तरह का पछतावा नहीं दिखा।
source: Bhaskar
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