सोशल साइट्स पर फोटो अपलोड करने के खिलाफ फतवा

Friday, 21 December 2012


बरेली। सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक संगठन ने वैवाहिक वेबसाइट तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक इत्यादि पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार दिया है। इसने मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी है। 
 
उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग ने यह फतवा जारी किया है। कानपुर के इजहार नामक व्यक्ति ने इससे सवाल पूछा था कि वैवाहिक वेबसाइट और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर फोटो डालना किस हद तक जायज है। इस पर मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। ऐसे में इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करना हराम होगा। 
 
उन्होंने कहा कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि बगैर तस्वीर वाला बायोडाटा इंटरनेट पर डाला जा सकता है। इसके अलावा पासपोर्ट, हज या फिर अन्य आवेदनों के लिए फोटो लगाई जा सकती है, बशर्ते ऐसा करना जरूरी हो। शाही जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि इस संबंध में मुफ्ती आजम हिंद का फतवा पहले से है जिसमें बिना जरूरत तस्वीर को हराम बताया गया है। कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर की मनाही का मूल उद्देश्य किसी साकार चीज की पूजा-परस्तिश को रोकना है। 

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