नई दिल्ली। सीबीआई ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के संबंध में दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन तथा एक पूर्व दूरसंचार सचिव के विरूद्ध शुक्रवार को आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद जांच एजेंसी के वकील एके सिंह ने बताया कि कंपनियों के किसी अधिकारी का नाम आरोप पत्र में नहीं है लेकिन दूरसंचार विभाग के एक पूर्व सचिव का नाम है। यह मामला वर्ष 2002 में अतिरिक्त टूजी स्पेक्ट्रम के आवंटन से संबंधित है और उस समय श्यामल घोष दूरसंचार सचिव थे।
सीबीआई का आरोप है कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन का निर्णय इन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया था। आरोपियाें पर आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई के अनुसार इस आवंटन से सरकार को 846 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में टूजी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन में अनियमितताओं के कारण उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष फरवरी में 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे और इस मामले में पूर्व संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए. राजा तथा दूरसंचार विभाग के कुछ पूर्व अधिकारियों के विरूद्ध मुकदमा चल रहा है। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को वर्ष 2001 से 2007 के दौरान टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच भी करने को कहा था।
patrika
0 comments:
Post a Comment