फतेहाबाद, [सुधीर आर्य]। गरीब परिवारों के लिए बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया को और सरल कर दिया गया है। रिजर्व बैंक के नए निर्देशों के तहत अब इसके लिए किसी प्रकार का आइडी पू्रफ यानी पहचान का प्रमाण नहीं मांगा जाएगा। सादे कागज पर दी गई जानकारी पर ही बैंक को खाता खोलना होगा। शून्य जमा राशि [जीरो बैलेंस] पर खुलने वाले इस खाते में एक साल के दौरान एक लाख रुपये तक का लेनदेन ही किया जा सकेगा। साथ ही इन खातों में अधिकतम 50 हजार रुपये तक की रकम जमा रह सकती है।
रिजर्व बैंक ने गरीब परिवारों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए खाता खुलवाने की औपचारिकताओं को एक तरह से लगभग खत्म कर दिया है। गरीब परिवारों के लिए पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड और दूसरी अनिवार्यता वाली शर्ते भी हटा दी गई हैं। इन शर्तो के हटने से अब अस्थाई रूप से रह रहे लोग भी अपना खाता खुलवा पाएंगे।
हरियाणा स्थित फतेहाबाद के जिला अग्रणी बैंक अधिकारी एचएस चौहान ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस योजना के तहत सादे कागज पर अपना फोटो लगाकर आवेदन कर सकता है। उसे अब नगर पार्षद या सरपंच से तस्दीक करवाने की आवश्यकता नहीं है। बैंकों को मिले निर्देशों में स्पष्ट है कि गरीब परिवारों का यह खाता एक वर्ष के लिए प्रभावी होगा। इसके नवीनीकरण के लिए उपभोक्ता को केवाइसी [ग्राहक को जानो] की शर्ते पूरी करनी होंगी। केवाईसी में पहचान संबंधी अनिवार्यता है।
न चेक बुक मिलेगी, न एटीएम कार्ड:
आइडी पू्रफ के बिना खुलने वाले इन खातों पर उपभोक्ताओं को एटीएम कार्ड जारी नहीं होंगे। इसी तरह बैंक उपभोक्ता को चेकबुक भी जारी नहीं करेगा। उपभोक्ता को बैंक की शाखा में पहुंचकर फार्म भरकर ही लेनदेन करना होगा।
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