क़ियामत की छोटी और बड़ी निशानियाँ

Sunday, 28 April 2013 0 comments

हर प्रकार की हम्द व सना (प्रशंसा और गुणगान) अल्लाह के लिए योग्य है, हम उसी की प्रशंसा करते हैं, उसी से मदद मांगते और उसी से क्षमा याचना करते हैं, तथा हम अपने नफ्स की बुराई और अपने बुरे कामों से अल्लाह की पनाह में आते हैं, जिसे अल्लाह तआला हिदायत दे दे उसे कोई पथभ्रष्ट (गुमराह) करने वाला नहीं, और जिसे गुमराह कर दे उसे कोई हिदायत देने वाला नहीं।

क़ियामत की छोटी और बड़ी निशानियाँ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
क़ियामत की निशानियों से अभिप्राय वह चीज़ें है जो क़ियामत आने से पहले घटित होंगीं और उसके आगमन के निकट होने का पता देंगीं। उन निशानियों को दो भागों में विभाजित किया गया है : छोटी और बड़ी।
छोटी निशानियाँ -सामान्यता- क़ियामत के आने से एक लम्बी अवधि पूर्व घटित होंगीं, जिन में से कुछ घटित होकर समाप्त हो चुकी हैं -और कभी कभार वह पुन: घटित होती रहती हैं- और उनमें से कुछ निशानियाँ प्रकट हो चुकी हैं और निरंतर प्रकट हो रही हैं, और कुछ निशानियाँ अभी तक अस्तित्व में नहीं आई हैं, किन्तु वे प्रकट होंगी जैसाकि सादिक़ व मस्दूक़ (सत्यनिष्ट) पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म ने इसकी सूचना दी है।
बड़ी निशानियाँ : ये ऐसी बड़ी चीज़ें हैं जिनका प्रकट होना क़ियामत के निकट होने और उस महान दिन के आने में केवल थोड़ा ही समय बाक़ी रहने का पता देगा।
क़ियामत की छोटी निशानियाँ बहुत हैं, और बहुत सारी सहीह हदीसों में उनका वर्णन आया है, जिन्हें हम एक क्रम में उल्लेख करेंगे, उनकी हदीसों का उल्लेख नही करेंगे ; क्योंकि यह स्थान उनको नहीं समा सकता, और जो व्यक्ति इस विषय के बारे में विस्तार के साथ इन निशानियों के प्रमाण जानना चाहता है, उसे हम विश्वसनीय विशिष्ट पुस्तकों का हवाला देंगे, उन्हीं पुस्तकों में से शैख उमर सुलैमान अल-अश्क़र की किताब "अल-क़ियामतुस्सुग्रा" और शैख यूसुफ अल-वाबिल की किताब "अश्रातुस्साअह"  है।
क़ियामत की छोटी निशानियों में से कुछ निम्नलिखित हैं :
1- नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का पैग़ंबर बनाकर भेजा जाना।
2- आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का देहान्त होना।
3- बैतुल मक्दिस की विजय।
4- फिलिस्तीन के "अम्वास" नामीनगर का ताऊन (महामारी, प्लेग)
5- धन की बहुतायत और सद्क़ा व खैरात से बेनियाज़ी।
6- फित्नों (उपद्रव) का प्रकट होना, उन्हीं में से इस्लाम के प्रारंभिक युग में उत्पन्न होने वाले फित्ने हैं : उसमान रज़ियल्लाहु अन्हु की हत्या, जमल और सिफ्फीन की लड़ाई, खवारिज का प्रकट होना, हर्रा की लड़ाई और क़ुर्आन को मख्लूक़ कहने का फित्ना।
7- नबी (ईश्दूत) होने का दावा करने वालों का प्रकट होना, उन्हीं नुबुव्वत (ईश्दूतत्व) के दावेदारों में से "मुसैलमा कज़्ज़ाब" और "अस्वद अंसी" हैं।
8- हिजाज़ (मक्का और मदीना के क्षेत्र को हिजाज़ कहा जाता है) से आग का प्रकट होना, और यह आग सातवीं शताब्दी हिज्री के मध्य में वर्ष 654 हिज्री में प्रकट हुई थी, और यह एक बड़ी आग थी, इस आग के निकलने के समय मौजूद तथा उसके पश्चात के उलमा ने इसका सविस्तार वर्णन किया है, इमाम न-ववी कहते हैं : "हमारे ज़माने में वर्ष 654 हिज्री में मदीना में एक आग निकली, यह मदीना के पूरबी छोर पर हर्रा के पीछे एक बहुत बड़ी आग थी, पूरे शाम (सीरिया) और अन्य सभी नगरों में निरंतर लोगों को इसका ज्ञान हुआ, तथा मदीना वालों में से जो उस समय उपस्थित थे उन्हों ने मुझे इसकी सूचना दी।"
9- अमानत का नाश होना, और अमानत को नाश करने का एक रूप लोगों के मामलों की बागडोर को ऐसे अक्षम और अयोग्य लोगों के हवाले कर देना है जो उसको चलाने की क्षमता और योग्यता नहीं रखते हैं।
10- ज्ञान का उठा लिया जाना और अज्ञानता का प्रकट होना, और ज्ञान का उठना उलमा (ज्ञानियों) के उठाये जाने के कारण होगा, जैसाकि सहीह बुखारी और सहीह मुस्लिम में इसका वर्णन आया है।
11- व्यभिचार (ज़िनाकारी) का फैलाव और प्रचलन।
12- सूद (व्याज) का प्रचलन।
13- गायन और संगीत उपकरण का उदय।
14- शराब (मदिरा) पीने की बहुतायत।
15- बकरियों के चराने वालों का भवनों में गर्व करना।
16- लौंडी का अपने मालिक को जनना, जैसाकि सहीह बुखारी एवं मुस्लिम में यह प्रमाणित है। इस हदीस के अर्थ के बारे में विद्वानों के कई कथन हैं, हाफिज़ इब्ने हजर ने इस अर्थ को चयन किया है कि : बच्चों में माता-पिता की नाफरमानी की बहुतायत हो जायेगी, चुनाँचि बेटा अपनी माँ से इस प्रकार व्यवहार करेगा जिस प्रकार कि लौंडी का मालिक अपनी लौंडी से अपमानता और गाली गलोज के साथ व्यवहार करता है।
17- हत्या (क़त्ल) का बाहुल्य।
18- भूकम्पों का अधिक आना।
19- धरती में धंसने, रूप के बदल दिये जानेऔर दोष तथा आरोप लगाने का उदय।
20- कपड़े पहनने के उपरांत भीनग्न दिखने वाली महिलाओं का प्रकट होना।
21- मोमिन के सपने का सच्चा होना।
22- झूठी गवाही की बहुतायत और सच्ची गवाही को छुपाना।
23- महिलाओं काबाहुल्य।
24- अरब की धरती का चरागाहोंऔर नदियों वाला बन जाना।
25- फरात नदी का सोने के पहाड़ को प्रकट करना।
26- दरिंदों और जमादात का मनुष्यों से बात-चीत करना।
27- रूमियों की संख्या का अधिक होना और उनका मुसलमानों से लड़ाई करना।
28- क़ुस्तुनतीनिया पर विजय।
क़ियामत की बड़ी निशानियाँ : येवह निशानियाँ हैं जिन्हें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हुज़ैफा बिन उसैद की हदीस में उल्लेख किया है और वह दस निशानियाँ हैं : दज्जाल, ईसा बिन मरियम का उतरना, याजूज माजूज, तीन बार धरती का धंसना : एक बार पूरब में धंसना, और एक बार पच्छिम में धंसना, और एक बार अरब द्वीप में धंसना, धुँआ, सूरज का पच्छिम से निकलना, चौपाया, वह आग जो लोगों को उनके मह्शर (क़ियामत के दिन एकत्र होने के स्थान) की तरफ हाँक कर ले जायेगी। ये निशानियाँ एक के पीछे एक प्रकट होंगी, जब इन में से पहली निशानी प्रकट होगी तो दूसरी उसके पीछे ही प्रकट होगी।
इमाम मुस्लिम ने हुज़ैफा बिन उसैद अल-ग़िफारी रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा कि : नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हमारे पास आये और हम आपस में स्मरण कर रहे थे, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने पूछा : तुम लोग क्या स्मरण कर रहे हो लोगों ने कहा : हम क़ियामत का स्मरण कर रहे हैं, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : क़ियामत नहीं आयेगी यहाँ तक कि तुम उस से पहले दस निशानियाँ देख लो, चुनाँचि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उल्लेख किया कि : धुँआ, दज्जाल, चौपाया, सूरज का पच्छिम से निकलना, ईसा बिन मरियम का उतरना, याजूज माजूज, तीन बार धरती का धंसना : एक बार पूरब में धंसना, और एक बार पच्छिम में धंसना, और एक बार अरब द्वीप में धंसना, और अंतिम निशानी वह आग होगी जो यमन से निकलेगी और लोगों को उनके मह्शर (क़ियामत के दिन एकत्र होने के स्थान) की तरफ खदेड़ कर ले जाये गी।"
इन निशानियों के क्रम (तरतीब) के बारे में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है, बल्कि कुछ नुसूस (हदीस के मूलशब्दों) से उनके क्रम का पता चलाया जाता है।
शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया कि :
क्या क़ियामत की बड़ी निशानियाँ क्रमानुसार प्रकट हों गी
तो उन्हों ने जवाब दिया :
“क़ियामत की बड़ी निशानियाँ कुछ तो क्रमबद्ध हैं और ज्ञात हैं, और कुछ क्रमबद्ध नहीं हैं और उनके क्रम का कोई ज्ञान नहीं है, जो निशानियाँ क्रमबद्ध हैं उनमें से ईसा बिन मरियम का उतरना, याजूज माजूज का निकलना, और दज्जाल है। क्योंकि (पहले) दज्जाल भेजा जायेगा, फिर ईसा बिन मरियम उतरेंगे और उसे क़त्ल करेंगे, फिर याजूज माजूज निकलेंगे।
सफ्फारीनी रहिमहुल्लाह ने अपने अक़ीदा की किताब में इन निशानियों को क्रमबद्ध किया है, किन्तु इस क्रम में से कुछ पर तो मन सन्तुष्ट होता है और कुछ पर ऐसा नहीं है, हालांकि क्रम हमारे लिए महत्व नहीं रखता, हमारे लिए केवल यह महत्वपूर्ण है कि क़ियामत की कुछ ब़ड़ी-बड़ी निशानियाँ हैं, जब ये प्रकट होंगींतो क़ियामत निकट आ चुकी होगी, और अल्लाह तआला ने क़ियामत की कुछ निशानियाँ इसलिए निर्धारित कर दी हैं ; क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण घटना है जिसके घटित होने की निकटता पर चेतावनी देने की लोगों को आवश्यकता है।”
मज्मूउल फतावा (2 / प्रश्न संख्या : 137)
और अल्लाह ही सबसे अधिक जानता है।
इस्लाम प्रश्न और उत्तर

सनी के बाद यह देसी पोर्न स्टार्स भी मचा सकती हैं बॉलीवुड में तहलका!

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इंडो-कनाडियन पोर्न स्टार सनी लियोनी को बॉलीवुड में हाथों हाथ लिया गया। उन्होंने 'बिग बॉस 5' के जरिये इंडिया की ग्लैमर इंडस्ट्री में अपना कदम रखा. इसी शो के दौरान उन्हें महेश भट्ट ने अपनी फिल्म 'जिस्म 2' में साइन कर लिया।
सनी ने इस फिल्म की शूटिंग ख़त्म भी नहीं की थी कि उन्हें एकता कपूर ने अपनी अगली 'रागिनी एमएमएस 2' के लिए साइन कर लिया। सनी इन दिनों इस फिल्म की शूटिंग के साथ 'पेज थ्री' की हर बड़ी पार्टी में नजर आ जाती हैं।
उन्हें फिल्म इंडस्ट्री काफी सपोर्ट कर रही है।एक पोर्न स्टार को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में इतना जबरदस्त रिस्पोंस मिलने से कुछ अन्य देसी पोर्न स्टार्स के लिए भी रास्ते खुल गए हैं।
आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही भारतीय मूल की पोर्न स्टार्स पर जो बॉलीवुड में आकर सनी की तरह तहलका मचा सकती हैं:
नाडिया नीस
नाडिया नीस: यह इंडियन बोर्न पोर्न स्टार यूके में रहती हैं.इनका नाम भारतीय मूल की सबसे इरोटिक पोर्न स्टार्स में शुमार किया जाता है। देसी लुक्स के साथ नाडिया की भाषा में ब्रिटिश एक्सेंट है जो उनकी पर्सनालिटी में और ज्यादा चार चांद लगा देता है। इनका पहला पोर्न वीडियो 31 अक्टूबर 1931 को आया था।नाडिया उस वक्त पोर्न इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम बन गयी थीं मगर वह बहुत कम समय के लिए पोर्न इंडस्ट्री में रहीं।उनके ऐसा करने से फैंस सकते में आ गए थे।
उन्होंने 2002 में पोर्न इंडस्ट्री छोड़कर शादी कर ली और इंग्लैंड में बस गयीं।सनी की कामयाबी से प्रेरित होकर अगर नाडिया बॉलीवुड में आ जाएं तो हो सकता है उन्हें भी सफलता मिल जाये।
प्रिया राय: इस लिस्ट में दूसरा नाम प्रिया राय का है। इन्हें अंजलि राय और रिरा रीड के नाम से भी जाना जाता है।प्रिया का नाम हाल ही में तब खूब चर्चा में आया जब बिग बॉस 6 में उनके आने की अफवाह उड़ी। ख़बरें थीं कि प्रिया भी सनी लियोनी की तरह इस शो में नजर आएंगी।मगर ऐसा नहीं हो पाया।वैसे इससे प्रिया को अच्छी खासी पब्लिसिटी जरूर मिल गई।अगर उन्हें भी सनी की तरह कोई फिल्म मिल जाये तो वह भी इंडियन फैंस पर अपना जादू चलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। आपको बता दें कि प्रिया इंडो अमेरिकन मूल की पोर्न स्टार हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था।

उन्हें दो साल की उम्र में ही उनके माता-पिता ने छोड़ दिया था जिसके बाद एक अमेरिकी जोड़े ने उन्हें गोद लिया। प्रिया पोर्न इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम हैं।


अंजलि कारा: दिल्ली की अंजलि कारा भी इंटरनेशनल पोर्न इंडस्ट्री में जाना-माना नाम हैं।वह यूके में रहती हैं।अंजलि को यह बात साफ पता है कि एक वेश्या और एडल्ट स्टार में क्या अंतर है और कौन सी लाइन उन दोनों को अलग करती है। उनसे जब पूछा गया कि क्या आपको एक साथ कई लोगों के साथ यह सब करते अजीब नहीं लगता तो उन्होंने कहा, "आप इसे सेक्स क्यों कहते हैं? यह सिर्फ एक्टिंग है। मैंने कई पुरुषों और औरतों के साथ काम किया है, लेकिन मैंने किसी के साथ प्यार थोड़े न किया है।" अंजलि जब 16 की थीं उन्होंने भारत छोड़ दिया था और उसके बाद न वे कभी अपने घर वापस लौटीं और न ही कभी उन लोगों से बात की। यह इंडस्ट्री कैसे ज्वाइन की? सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "जब मेरी तस्वीर फोन रिसीवर के साथ लोगों को एक फोन सेक्स लाइन के लिए आमंत्रित करते हुए छपी तो मुझे ऐसी कंपनियों से तमाम ऑफर आए। मैं काफी रोमांचित थी कि मुझे छोटी सी उम्र में काम मिल चुका था और मुझे काफी तवज्जो भी दी जा रही थी। मेरे भाई ने मेरी तस्वीर एक देसी पोर्न मैग्जीन में देखी थी- इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि सबके भाई और पिता पोर्न कंटेंट देखते हैं लेकिन आप सोचिए कि जब कोई इसके लिए अपनी दराज खोले और... आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कह रही हूं। और वही हुआ जो होना था। उसने सारी बात मेरी मां को बताई और उन लोगों ने मुझे एक अल्टीमेटम दे दिया। मेरे पास उस समय बैंकॉक से एक खुला ऑफर था, एडल्ट इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री मुझे बुला रही थी। मैंने अपनी पसंद चुनी और बैंकॉक चली गई।"
अंजलि अभी भी पोर्न इंडस्ट्री में सक्रिय हैं और अगर उन्हें मौका मिले तो वह भी बॉलीवुड में किस्मत आजमाने से नहीं चूकेंगी।

गया पटेल: इंडियन मूल की यह पोर्न स्टार इन दिनों कनाडा में रहती है। गया पहले मॉडल थीं फिर पोर्न स्टार बन गईं। उन्होंने अपने पोर्न करियर में कई बड़ी प्रोडक्शन कंपनियों के साथ काम किया।











Source: Bhaskar

अब इस मराठी मॉडल ने करवाया प्लेबॉय के लिए न्यूड फोटोशूट

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महाराष्ट्र की मॉडल निकिता गोखले ने मैन्स मैगजीन प्लेबॉय के लिए टेस्ट शूट करवाया है। नागपुर की रहने वाली निकिता को मैगजीन के फोटोग्राफर ऐरोल फ्रैंकलिन द्वारा इस शूट के लिए इन्वाइट किया गया था। अगर निकिता की टेस्ट फोटोग्राफ एप्रूव कर ली जाती हैं तो निकिता दूसरी भारतीय फीमेल मॉडल होंगी जिन्होंने प्लेबॉय के लिए फोटोशूट करवाया है। 
एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में फोटोग्राफर फ्रैंकलिन ने कहा, "मैंनै कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की मॉडल्स का फोटोशूट किया है। निकिता से जान-पहचान फेसबुक पर एक कॉमन फ्रैंड के जरिए हुई। मैंने उसे प्रपोजल दिया कि वो क्लासिक इंडियन थीम के लिए तस्वीरें खिंचवा सकती है। निकिता ने हां कर दी और हमने दिवाली से पहले मुंबई में ये फोटोशूट किया। 
हालांकि निकिता ने फोटोग्राफर के साथ कॉंट्रेक्ट की वजह से फोटोशूट के बारे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है।

कोकीन से भी ज्‍यादा नशा होता है सच्‍चे प्‍यार में

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अगर आपने सच्‍चा प्‍यार किया है तो तड़प भी महसूस करते होंगे। क्‍योंकि प्‍यार करने के लिए केवल दिल जिम्‍मेदार नहीं बल्कि दिमाग भी जिम्‍मेदार है।
शोध के अनुसार किसी से प्यार होने में मुख्य भूमिका दिमाग की होती है न कि दिल की। 
यह अध्ययन स्टेट विश्वविद्यालय के लिए शोधकर्ताओं ने किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि समान्य भाषा में समझा जाए तो एक प्रेमी या प्रेमिका को अपने पार्टनर के लिए वैसी ही तड़प महसूस होती है जैसी मादक पदार्थ कोकीन का नशा करने वालों को कोकीन के लिए होती है। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके लिए दिमाग जिम्मेदार होता है न कि दिल। इसलिए जब आपको किसी से प्यार होता है तो वह दिमाग के कारण होता है और प्‍यार को पाने के लिए जो तड़प आप महसूस करते हैं उसके लिए दिमाग ही उकसाता है।

200 की चोरी 10,000 में जमानत...11 महीने जेल...

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नई दिल्ली। 200 रूपये की चोरी हुई, हमारी बहादुर पुलिस ने आरोपी को गिरफतार कर जेल में डाल दिया। तारीख पर तारीख पड़ती रही। जमानत की अर्जी देने पर 10,000 जमानत राशि रखी गई। गरीब लड़का नहीं जमा कर पाया 10,000 रूपये। 10 मिनट से ज्यादा सुनवाई भी न हुई। 11 महीने तक जेल में सड़ता रहा 19 साल का बेकसूर नौजवान।
रूह कांपने वाली घटना राजधानी दिल्ली में घटित हुई। एक व्यक्ति का बटुआ सब्जी बाजार में चोरी हुआ। उसमें 200 रूपये थे। उसने पुलिस को 100 नम्बर पर सूचित किया। बहादुर पुलिस उसी रात पहुंची सब्जी मंडी। एक 19 साल के मुद्दकस को सिर्फ इसीलिए गिरफतार किया गया, क्योंकि उसके पास बटुआ था। जिसमें 200 रूपये थे।
शिकायतकर्ता ने साफ बता दिया कि यह बटुआ उसका नहीं है। पर हमारी बहादुर पुलिस को इतनी फुरसत कहां कि किसी बेकसूर को छोड़ने की जहमत उठाऐ। उसे कोर्ट में पेश किया गया। जज साहब ने लड़के को बोलने तक से मना कर दिया। आगे के केसों की सुनवाई के लिए बोलकर उसे जेल भिजवा दिया गया। 3 महीने तक एक बेकसूर जेल में बेवजह सड़ता रहा। इस बीच उसके पिता का देहांत हो गया। जिसकी सूचना तक उस मासूम को नहीं मिली।
ह्यूमन राईट्स की एक कार्यकर्ता से उसकी मुलाकात हुई। लगा अब जल्द जेल से बाहर जाएगा वह। उस कार्यकर्ता ने मुद्दकस की जमानत अर्जी दाखिल की। जज साहब ने जमानत राशि 10,000 रूपये जमा कराने का आदेश दिया। यह सुनते ही मुद्दकस के पैरो के नीचे से जमीन निकल गयी। एक गरीब लड़का जिसने अपनी जिंदगी में 10,000 रूपये एक साथ शायद ही कभी देखें हों। वह कहां से लाऐं 10,000 रूपये।
फिर शुरू हुआ तारीखों का सिलसिला और बीत गए पूरे 11 महीने, इस बीच जज साहब को यह केस सुनना बहुत छोटा लगा और हर बार बस 5-6 मिनट में सुनवाई पूरी कर दी जाती। हर बार मुद्दकस से गुनाह कुबूल करने को कहा गया। एक बार भी उसे बेगुनाह मानकर उसकी बात नहीं सुनी गयी।
पूरा मामला शीशे की तरह बिल्कुल साफ था। शिकायतकर्ता ने साफ बोल दिया था कि यह बटुआ उसका नहीं है। फिर भी उसे जेल में सड़ाया गया।
जज साहब द्वारा किए गए व्यवहार को दोगलापन ही कहा जा सकता है। एक ओर उन्हें केस इतना छोटा लगा कि इसे सुनने का उनके पास वक्त ही नहीं। दूसरी ओर समाज के लिए आरोप को बेहद घातक बताते हुए जेल में डाल दिया। 200 रूपये की चोरी के लिए 10,000 रूपये जमानत राशि क्यो?
पूरे 11 महीने बीतने के बाद मजबूर होकर मुद्दकस ने वह गुनाह कुबूल कर लिया, जो उसने कभी किया ही नहीं। इसके बाद जज साहब का हुकूम कुछ यूं था ..मुद्दकस अंसारी ने अपना गुनाह कुबूल किया इसीलिए उसे 3 महीने की सजा सुनाई जाती है। लेकिन उसने पहले ही 11 महीने जेल में बिता दिए हैं। इसलिए उसे छोड़ दिया जाए।
इन सब में दोष किसका है? कानून व्यवस्था? जज साहब का रवैया? पुलिस प्रशासन? सवाल तो कई हैं, पर जवाब कोई नहीं। अगर 11 महीने पहले ही मुद्दकस की बात एक बार इतमिनान से सुन ली जाती, तो शायद दवा के अभाव में मरा उसका बाप जिंदा होता। जवानी के 11 महीने उसे जेल में नहीं गुजारने पड़ते। उसका परिवार भुखमरी की कगार पर नहीं पहुंचता।

फेसबुक पर इश्‍क, शादी और अब तलाक !

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इंदौर। फेसबुक पर एक लड़के से प्यार होने के बाद दिल्ली जाकर शादी करने वाली लड़की ने अब अपने माता-पिता के साथ रहने की बात कही है। लड़की की मर्जी को देखते हुए उसे माता-पिता के पास भेज दिया गया है। गौरतलब है कि लसूड़िया थाना क्षेत्र के एक रसूखदार परिवार की बेटी पूजा को छह महीने पहले फेसबुक पर पंजाब के गांव जैतो के एक लड़के शविंदरसिंह से प्यार हो गया था।
 
15 अप्रैल को शविंदर इंदौर आकर पूजा को अपने साथ दिल्ली ले गया था और यहां दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। वहां से दोनों जैतो चले गए थे। इसके बाद सूचना मिलने पर पूजा के पिता और भाई पुलिस को साथ लेकर वहां पहुंचे और एसडीएम के सर्च वारंट के आधार पर उसे इंदौर ले आए।
 
यहां एसडीएम रजनीश कसेरा की कोर्ट में पूजा के बयान लिए गए। पूजा ने खुद को बालिग बताते हुए अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। इस पर कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि पूजा को उसके माता-पिता के पास पहुंचाया जाए। 
 
लसूड़िया टीआई बसंत मिश्रा ने बताया कोर्ट के निर्देश पर लड़की के बयान और शपथ पत्र लेने के बाद उसे परिजनों के साथ भेज दिया है।

6 दिवसीय योग शिविर 7 मई से शुरू

Saturday, 27 April 2013 0 comments



बराड़ा। रहमदीन

जीवन जीने की कला भाग 1 के तहत गांव अधोया में चल रहे पांच दिवसीय  योग शिविर में चौथे दिन बंगलौर से आये योग प्रशिक्षिकों ने स्थानीय लोगों को योग के गुर सिखाए। 
महाराजा अग्रसेन सभा के सौजन्य से चल रहे इस योग शिविर में प्रतिदिन अनेकों लोग अपने रोगों को दूर करने के बारे में गुर सीख कर योग से जुड़ रहे है। योग शिविर में योग की अनेकों विधियों के बारे में  जैसें कि प्राणायाम, उज्जई, सुदर्शन, व्रजासन आदि योग विधियों को सिखाया गया। 
योग प्रशिक्षक नीलीमा गुप्ता और भावना पाल ने बताया कि योग करने से जहां व्यक्ति की शारीरिक बीमरियां तो ठीक होती ही है तो वहीं दूसरी ओर व्यक्ति का मानसिक तनाव भी दूर होता है।  इस योग शिविर में जहां नौजवान ज्यादा रूचि दिखा रहे है तो वहीं अधिक आयु के लगभग 50 से 60 साल के बजुर्ग भी योग सीया रहे है। नीलीमा गुप्ता ने बताया कि वह योग शिविरों में लोगों का अधिकाशं यही कहती है कि वह ज्यादा ध्यान रोग पर न देकर योग प्रक्रिया पर दे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार का योग शिविर 7 मई से 12 मई तक सोहन लाल बी.एड. कालेज अंबाला शहर में किया जायेगा। यह योग शिविर सुबह शाम दोनों सत्रों में चलाया जायेगा। जिसमें कि अनेकों लोग योग शिविर में भाग लेकर योग की अनेकों विधियों के बारे में जानकारी लेगें। 
इस अवसर पर  महाराजा अग्रसेन सभा के  प्रधान बरजेश बंसल, उप प्रधान आशीष गर्ग, अशोक, ओम प्रकाश आदि उपस्थित थे। 

यूपी में मां के सामने बेटी से गैंगरेप

Friday, 26 April 2013 0 comments


बुलंदशहर। जिले के एक गांव में मां के साथ घर लौट रही युवती को बाग में खींच कर तीन दबंगों ने गैंगरेप किया। बुधवार को दिनदहाड़े हुई वारदात से लोग सकते में हैं। पीड़ित की मां ने गुरुवार को छतारी थाने में दो लोगों को नामजद कर तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने युवती का मेडिकल कराकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित की मां ने जिस युवक को मुख्य आरोपी बताकर नामजद किया है, उसकी बहन के साथ फरवरी 2012 में गैंगरेप हुआ था। उस मामले में शिकायतकर्ता महिला का बेटा मुख्य आरोपी है। मां-बेटी बुधवार दोपहर रिश्तेदारी से घर लौट रही थीं तब यह घटना हुई। दहशत के मारे बुधवार को परिवार सहमा रहा और पुलिस में शिकायत कराने की हिम्मत नहीं हुई। बृहस्पतिवार को पीड़ित बेटी को लेकर मां छतारी थाने पहुंची और तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई। पुलिस ने दो नामजद समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
source:B4M

वह अपनी उम्र के लड़कों के साथ सेक्स करना चाहती है, न कि बड़े उम्र के मर्दों के साथ

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आज 26 अप्रेल, 2013 को मैं अपने परिचत के यहॉं पर बैठा था। कुछ पल के लिये मैं वहॉं पर अकेला हुआ तो एक लड़की मेरे पास आयी। मुझ से नमस्ते किया। पूछा ‘‘सर क्या आप डॉक्टर हैं?’’ मैंने कहा ‘‘हॉं’’, वह बोली ‘‘सर मेरी बीमारी का इलाज करें। मैं बहुत परेशान हूँ।’’
इतने में वे महाशय जिनके यहॉं पर मैं गया था, प्रकट हो गये। मैंने उनसे पूछा कि ‘‘ये बच्ची किसकी है? ये बच्ची अपनी किसी बीमारी के बारे में बात कर रही है। इसे क्या तकलीफ है?’’ इस पर उन्होंने बताया कि ‘‘पड़ोस के मकान में रहने वाले किरायेदार की बेटी है, लेकिन मुझे नहीं पता इसे क्या तकलीफ है......।’’
इतना कहने के बाद वे उस लड़की की ओर मुखातिब होकर बोले, ‘‘क्यों बेटी तुम्हें क्या तकलीफ है, तुम्हारे पापा को बुला लाओ डॉक्टर साहब को दिखा देंगे।’’ इस पर लड़की ने कहा, ‘‘नहीं अंकल नहीं, कोई बात नहीं....!’’ लड़की के चेहरे के हावभाव देखकर मुझे कुछ संशय हुआ तो मैंने अपने मित्र से इशारे में अन्दर जाने को कहा।

उनके जाते ही लड़की बोली, ‘‘डॉक्टर साहब आपने तो मरवाया होता, अंकल से बोलने की क्या जरूरत थी। मेरी ऐसी व्यक्तिगत समस्या है, जिसके बारे में, मैं मेरे पापा और इन अंकल के सामने आपको कुछ नहीं बता सकती। यदि आप मेरा इलाज कर सकते हैं और मेरी तकलीफ के बारे में किसी को कुछ नहीं बतलायें तो मैं आपका बतलाऊं, नहीं तो रहने दो...।’’

लड़की की बात सुनकर मुझे चिन्ता हुई कि लड़की कहीं कोई मुसीबत में तो नहीं है, सो मैंने उसे विश्‍वास दिलाया और अपनी समस्या बताने को कहा, लेकिन जो कुछ उसने बताया, वह एक सदमें से कम नहीं था। विशेषकर इसलिये कि लड़की की शक्ल-ओ-सूरत देखकर कोई सोच भी नहीं सकता कि वह लड़की किसी से ऐसी बात कह सकती है।

लड़की का वजन मुश्किल से 30-35 किलो, लम्बाई करीब पौने पांच फिट, रंग एकदम गौरा, बदन बहुत पतला, नाक-नक्श औसत से अच्छे और दिखने में बेहद कमजोर और कक्षा आठ की छात्रा है। लड़की ने अपनी समस्या के बारे में जो कुछ बतलाया, उसका सार संक्षेप इस प्रकार है-

सर मैं हैल्दी होना चाहती हूँ। मैं 14 साल की हो गयी, लेकिन अभी भी मैं बच्ची जैसी दिखती हूँ, जबकि मेरे साथ पढने वाली दूसरी लड़कियॉं अच्छी-खासी दिखती हैं। आगे से मुझसे कोई बात ही नहीं करता। जब मैं किसी लड़के से बात करती हूँ तो वो मुझे बच्ची समझकर इगनोर-अनदेखा कर देता है और उम्र में मुझसे छोटी और काले रंग की दूसरी हैल्दी लड़कियों में इंट्रेस्ट लेने लगता है।

सर मैं चाहती हूँ कि मेरे स्तन इतने बड़े-बड़े हों जायें कि कोई भी लड़का देखते ही मेरी ओर झट से आकर्षित हो जाये। मैंने उसे कहा कि वह सच में ही अभी बच्ची ही तो है और 14 वर्ष की उम्र में तुम खुद को इतनी बड़ी क्यों समझती हो?

इस पर उसने बताया कि उसके स्कूल की 12 साल से 14 साल तक की तकरीबन सभी लड़कियॉं अपनी-अपनी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों या अपने पड़ोस के किसी न किसी लड़के से सेक्स करती हैं। सबके अनेक बॉय फ्रेंड हैं। कुछ तो अपने टीचर या किसी रिश्तेदार के साथ ही सेक्स करती हैं। उसने बताया कि उसके भी दो-तीन बॉय फ्रेंड हैं, लेकिन वे उसके बजाय दूसरी लड़कियों में अधिक रुचि लेने लगे हैं। इसलिये वो अच्छी तन्दुरुस्त और ताजा दिखना चाहती है। जिससे कोई भी लड़का देखते ही उसकी ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रहे। विशेषकर वह चाहती है कि उसके स्तनों का आकार इतना बड़ा हो जाये कि कोई भी लड़का उसे देखते ही लट्टू हो जाये।

मैंने उससे फिर से पूछा कि ऐसा वह क्यों चाहती है। उसने उल्टा मुझसे ही सवाल किया कि जब सारी लड़कियॉं मजे लेती हैं तो मैं ऐसा क्यों नहीं करूँ? उसने बताया कि दो वर्ष पहले उसके साथ सबसे पहले उसके चाचा ने सेक्स किया, जो अब नौकरी पर दूसरे शहर में रहते हैं। ऐसे में उसकी सेक्स करने की तेज इच्छा होती है। पड़ोस के लड़के और साथ पढने वाले लड़के उसे घास नहीं डालते। ऐसे में वह एक 50-55 साल के अपने पास के मकान में रहने वाले किरायेदार के साथ सेक्स करके अपना काम चलाती है।

उसने बताया कि वह अपनी उम्र के लड़कों के साथ सेक्स करने की तमन्ना रखती है, न कि अपने पिता से बड़ी उम्र के मर्दों के साथ, लेकिन उसे अपनी उम्र के लड़के बच्ची समझते हैं। लड़कों की नजर में बड़ी दिखने के लिये वह दो-दो ब्रा पहनती है, लेकिन फिर भी कुछ मतलब नहीं निकलता....!

सारी बात जानकर मैं स्तब्ध रह गया। एक ओर तो देश सेक्स जनित मामलों के विकृततम रूप बलात्कार की विभीषिका से जूझ रहा है, दूसरी ओर हमारे देश की कमशिन-किशारियों की ये मनोदशा है! क्या यह स्थिति हम सबके लिये अत्यधिक चिन्ताजनक नहीं है? इस विषय पर अपने विचार अधिक प्रकट करने के बजाय मैं समाज के इस कड़वे सच को प्रबुद्ध लोगों के सामने रखना अधिक उचित समझता हूँ। जिससे कि हम समाज के इस रूप को भी ध्यान में रखें और इस बारे में समुचित निर्णय ले सकें।

लेखक डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ होम्योपैथ डॉक्टर, संपादक-प्रेसपालिका (पाक्षिक), नेशनल चेयरमैन-जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एशोसिएशन और राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) से जुड़े हुए हैं.
Source:B4M

::::::::::::लापता की तलाश:::::::::::::::

Tuesday, 23 April 2013 0 comments

सहायता के लिए मुफ्त प्रकाशित 


आईफ़ोन के लिए बेच दी किडनी

Sunday, 21 April 2013 0 comments

युवाओं में इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्रति दीवानगी किस हद तक बढ़ चुकी है इसका अंदाजा इस खबर से लगाया जा सकता है।

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक दक्षिण चीन में एक किशोर ने आईफोन खरीदने के लिए पैसे जुटाने की खातिर अपनी एक किडनी ही बेच डाली।

शिन्हुआ के अनुसार यह किशोर अपने लिए एक आईफोन व आइपैड खरीदना चाहता था किन्तु उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि यह सब खरीदा जा सके। लिहाजा एक दिन वह किडनी के कारोबारियों के संपर्क में आया और उसने अपने किडनी बेच डाली। किडनी बेचकर कुल 220,000 युआन मिले जिसमें से किशोर के पल्ले सिर्फ 22,000 युआन ही पड़े। शेष धनराशि, किडनी के कारोबारियों और डॉक्टर ने आपस में बांट ली।

किशोर जब आईफोन व आइपेड लेकर घर आया और उसकी मां ने पूछा कि इसके लिए पैसे कहां से आये, तब उसने बताया कि उसने अपनी किडनी बेच दी है।

आवश्यकता है! हर जिले व तहसील में रिपोर्टर/स्ट्रिंगर की

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रफ़्तार 24 न्यूज़ को प्रत्येक जिले, तहसील, शहर, कस्बे, गांव में रिपोर्टरों व स्ट्रिगंरों की आवश्यकता है।

विज्ञापनों पर निश्चित कमीशन व बोनस दिया जाएगा

काम का किसी प्रकार से कोई दबाव नहीं होगा। काम करने के इच्छुक युवक/युवतियां अपना आवेदन

editor@raftaar24news.com

पर ईमेल करें। आवेदन के साथ अपना एक ताज़ा फोटो जरूर भेंजे। पत्रकारिता का जज्बा रखने वाले ही संपर्क करें। मात्र पैसा कमाने के लिए सोच रहे लोग हमारे साथ काम नहीं कर पाऐंगे। आपको हिंदी भाषा का उचित ज्ञान होना आवश्यक है। समाचार व लेख कृतिदेव व यूनिकोड फोंट में ही लिए जाऐंगे। 
अन्य सभी जानकारियां हमसे ईमेल editor@raftaar24news.com पर संपर्क करके प्राप्त की जा सकती हैं।

11 वां विशाल भगवती जागरण 22 को

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Rahmdeen Khan


बराड़ा ।  ग्राम अधोया में दुर्गा जागरण कमेटी के द्वारा 22 अप्रैल को 11 वां विशाल मां भगवती जागरण का आयोजन किया जा रहा है। 

जागरण कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कमेटी के सदस्यों ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी मां का 11 वां भगवती जागरण गांव अधोया में करवाया जा रहा है।
इस मां भगवती के जागरण में मामा भांजा एंंड पार्टी जगाधरी वाले माता जी की महिमा गायेगें। जागरण में प्रसिद्ध टी वी कलाकार लखविन्द्र बब्बू अपनी सुंदर माता की भेंटों को गा कर मां की महिमा का गुणगान सारी रात करेगें। जागरण में माता का भवन व झांकियां दर्शनीय होगीं।




अधोया में पांच दिवसीय योग शिविर 24 से शुरू



बराड़ा। उपमंडल के गांव अधोया स्थित जैन चैरिटेबल अस्पताल में पांच दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया जायेगा। यह योग शिविर 24 अप्रैल से 28 अप्रैल तक चलेगा। 
शिविर के बारे में जानकारी देते हुए महाराजा अग्रसेन सभा अधोया के प्रधान बरजेश बंसल व महासचिव आशीष गर्ग ने बताया कि इस योग शिविर में प्राणायाम व ध्यान की विभिन्न प्रकार की योग विधियां सिखाई जायेंगीं। योग शिविर सुबह साढ़े 5 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक लगातार पांच दिन चलेगा। 
यह शिविर स्थानीय समाज सेवी ओम प्रकाश, आशीष गर्ग, बरजेश बंसल, मुकेश गर्ग, अश्वनी गर्ग, अशोक कुमार, रमेश कुमार, सुदेश कुमार आदि के सहयोग से लगवाया जा रहा है। 

शिविर  के बारे में जानकारी देते हुए सभा के प्रधान बरजेश बंसल ने बताया कि योग शिविर में स्थानीय लोग अपने शारीरिक व्याधियों से जहां मुक्ति पायेगें वही दूसरी ओर मानसिक तनाव से मुक्त होगें। उन्होंने बताया कि इस योग शिविर का उदघाटन राजकुमार सपड़ा, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक हरियाणा के द्वारा किया जायेगा। 

क्या अब भी कहोगे पहनावे में है दोष

Saturday, 20 April 2013 0 comments



-गंदगी सोच में है कपड़ों में नहीं


रफ्तार  24 न्यूज़ एक्सक्लूसिव

दामिनी के गैंगरेप के बाद कई संगठनों व नेताओं ने युवतियों के पहनावे को गलत बताते हुए इस पर रोक लगाने की सलाह दे डाली थी। लेकिन अब सामने आई घटना में पांच वर्षीय बच्ची का न तो पहनावा गलत था, न वह देर रात बाहर घूम रही थी, न उसका अफेयर था। फिर वह मासूम बच्ची किस बात की सजा भुगत रही है। इस सवाल ने हर खासो आम को झंझौड़ कर रख दिया है।
गंदगी पहनावे में नहीं इंसान की सोच में है। पांच साल की मासूम के साथ दरिंदगी करने वाले के दिमाग की गंदगी उस मासूम के हालत देखने से ही पता चलती है।  अब सवाल यह उठता है कि इस सब के लिए जिम्मेदार कौन है? जवाब एक ही है....पुलिस प्रशासन की लापरवाही।
जबकि उधर छेड़छाड़ व युवतियों को देखने को लेकर बनाए गए नियम किसी काम के नहीं नजर आ रहे। इनका सदुपयोग से अधिक दुरूपयोग होता दिखाई दे रहा है। रेप व गैंगरेप पर सजा होना जायज है, लेकिन 14 सेकण्ड तक लड़की को देखने पर सजा, यह कहां का इंसाफ है जनाब। इस नियम से तो लड़कियां केवल लाचार ही नजर आती हैं। जबकि सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि तमाम लड़कियां इन नियमों का फायदा उठाकर जमकर सीधे-साधे युवकों की जिंदगी तबाह कर रही हैं।
पांच वर्षीय मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है, उसके ईश्वर, अल्लाह से दुआ/प्रार्थना अवश्य करें।

हत्यारोपी परिवार का हुक्का पानी क्यों नहीं हुआ बंद

Friday, 19 April 2013 0 comments



-बिरादरी की पंचायत छोटी-छोटी बातों पर सुना देती है फरमान
-हत्या की रिपोर्ट दर्ज पर गिरफतारी नहीं, खुले घूम रहे सभी आरोपी
-पुलिस की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल


मुरादाबाद। अमित कुमार

छोटी-छोटी बातों पर बिरादरी की पंचायत हुक्का पानी बंद करने यानि पूरे परिवार का समाज से बहिष्कार करने जैसे फरमान जारी कर देती है। लेकिन ठाकुरद्वारा क्षेत्र में हत्या जैसे सघन्य जुर्म में आरोपित परिवार को लेकर सभी लोग बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं। धीमी आवाज में सभी को कहते सुना जा रहा है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन खुलकर कोई भी सामने आने को तैयार नहीं है। वहीं घटना में पांच लोगों के खिलाफ हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कोई गिरफतारी नहीं हुई है। जिससे पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आ गयी है। मृतका के मायके वाले लगातार आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेजने की मांग कर रहे हैं। उधर हत्यारों के बीच चार मासूम बच्चों के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है।
कई बार आपने देखा होगा कि मामूली सी बातों पर पंचायत बैठी और पूरे परिवार का सिरे से बहिष्कार कर दिया। मगर इधर को हालात कुछ ओर ही दिखाई दे रहे हैं। विवाहिता की हत्या के आरोपी परिवार को अब भी समाज में वही सम्मान मिल रहा है जबकि हत्या के अलावा परिवार का चरित्र भी संदेह के घेरे में है। लोग कानाफूसी करते दिख रहे हैं कि यह बहुत गलत है और दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। लेकिन खुलकर सामने आने को कोई तैयार नहीं है। शायद पैसे का ताकत रखने वालें लोगों का खौफ यही होता है।
यह घटना है जनपद के ठाकुरद्वारा शहर के मुहल्ला फतहउल्लागंज की। यहां शकील अहमद नामक युवक ने अगवानपुर निवासी युवती नाजरीन से अपने अवैध सम्बंध बरकरार रखने के लिए अपने परिवार के साथ मिलकर अपनी पत्नी को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया था। पैसे के बल पर मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन मृतका के भाइयों ने एड़ी चोटी का जोर लगा कर हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
मामले में 19 अप्रैल को ठाकुरद्वारा पुलिस ने हत्यारोपी पति शकील, उसकी प्रेमिका नाजरीन, भाई हारून, बहन सलमा, बहनोई युसुफ के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। लेकिन अभी तक कोई भी गिरफतारी नहीं हुई है। जिससे पुलिस की भूमिका फिर से संदेह के घेरे में आ गयी है। यहां बता दें कि बीते सप्ताह भी पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने से साफ इंकार किया था। जब डीआईजी ने आदेश दिए तो मजबूरन पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी।
उधर मृतका के चार मासूम बच्चे हत्यारोपी परिवार में ही पल रहे हैं। जिनका भविष्य और जीवन अंधकार में ही दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि बच्चों ने भी स्वीवार किया था कि उनकी मां की हत्या उनके बाप ने की थी। फिर ऐसे परिवार के हाथों में ही बच्चों की परवरिश सौंपना कहां तक सही है। 
मामले को दबाने के प्रयास जारी हैं। लेकिन मीडियाकर्मियों ने मामले को जमकर उठाते हुए पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। वहीं हत्यारोपी हारून ने कई मीडियाकर्मियों को भी रिश्वत देकर मामले को दबाने का प्रयास किया है।

प्रेमिका सहित पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

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-अगवानपुर निवासी नाजरीन के साथ अवैध सम्बंध हैं शकील के
-प्रेमिका के कहने पर ही पत्नी को सुलाया मौत की नींद, परिवार ने भी दिया साथ

मुरादाबाद। विवाहिता को जहर देकर मौत की नहीं सुलाने के मामले में शुक्रवार को मृतका की प्रेमिका सहित पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। अभी कोई गिरफतारी नहीं हुई है।
जनपद के ठाकुरद्वारा निवासी शकील पुत्र स्व. हाजी फारूक ने अपनी पत्नी महशर जहां को अगवानपुर निवासी प्रेमिका नाजरीन के कहने पर मौत की नींद सुला दिया था, जिसमें उसके परिवार ने भी उसका पूरा साथ दिया था। प्रेमिका शकील पर उसकी पत्नी के जिंदा रहने पर सम्बंध बनाने से इंकार करती थी। उसका कहना था कि पहले अपनी पत्नी को दुनिया से रूखसत करे फिर उसके पास आए। गत 11 अप्रैल को शकील ने अपनी प्रेमिका से सम्बंध न बन पाने से परेशान होकर अपनी पत्नी को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया। जिसमें उसके परिवार ने उसका पूरा साथ दिया। मृतका के मायके वालों ने यह भी खुलासा किया कि शकील व उसका परिवार महशर जहां को लम्बे समय से धीमा जहर दे रहा था।
डीआईजी के आदेश पर ठाकुरद्वारा कोतवाली पुलिस ने मृतका के पति शकील, शकील की अगवानपुर निवासी प्रेमिका नाजरीन, जेठ हारून, ननद सलमा, नन्दोई युसुफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। समाचार लिखे जाने तक कोई गिरफतारी नहीं हुई है। पुलिस के इस रवैये से पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।

सम्बधित समाचारः

हत्यारोपी के घर पहुंची पुलिस, गिरफतारी नहीं

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मुरादाबाद। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार शात सात बजे कोतवाली पुलिस विवाहिता को जहर देने के आरोपी पति शकील के घर मौजूद है। लेकिन गिरफतारी नहीं की गयी है। सूचना मिलते ही मीडियाकर्मियों ने आरोपी के घर की ओर दौड़ लगा दी है। बताया जा रहा है कि पैसे के दबाव में पुलिस आरोपी को गिरफतार नहीं कर रही है। खैर खुदा के घर देर है अंधेर नहीं, मीडियाकर्मी मौके पर पहुंच कर पुलिस से गिरफतारी के लिए दबाव बनाऐंगे। वहीं कई संगठन भी गिरफतारी न होने पर प्रदर्शन तथा हड़ताल करने का मन बना रहे हैं।
कुछ ही मिनटों में हालात पूरी तरह सामने होंगे। आप अपनी प्रतिक्रया कमेंट के द्वारा अवश्य दें।

निर्भया के साथ हुई दरिंदगी से कम नहीं है यह हैवानियत

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नई दिल्ली ।पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर में रेप के साथ-साथ पाशविक बर्बरता का शिकार हुई 5 साल की बच्ची का मामला देख कर एक बार फिर निर्भया का मामला सबकी आंखों के सामने आ गया। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर बता रहे हैं कि उन्होंने ऐसी क्रूरता की घटना नहीं देखी थी।

गौरतलब है कि पांच महीने पहले 16 दिसंबर को दिल्ली में निर्भया के साथ गैंग रेप की भयावह घटना ने पूरे देश को उद्वेलित कर दिया था। उस घटना में रेप के साथ ही आरोपियों ने जिस तरह की निर्दयता दिखाई थी, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली थी। उस घटना को 6 महीने भी नहीं हुए हैं और इसी दिल्ली में 5 साल की बच्ची के साथ हुई इस खौफनाक घटना ने एक बार फिर सबको सकते में डाल दिया है।

5 साल की यह मासूम लड़की 14 अप्रैल से गायब थी। उसे उसी बिल्डिंग में ग्राउंड प्लोर में रहने वाले एक युवक ने अपने कमरे में हाथ-पैर बांध कर कैद कर रखा था। उसने बार-बार बच्ची के साथ रेप किया। लगातार पीड़ा से बच्ची बेहोश हो गई थी।
डॉक्टरों के मुताबिक लड़की इस कदर तकलीफ और खौफ से गुजरी है कि वह ठीक से कुछ बता भी नहीं पा रही। उसके पेट के निचले हिस्से से प्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती निकली है। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी क्रूरता का केस उनके सामने कभी नहीं आया।

उसकी हालत अब भी गंभीर है। डॉक्टर अगले 48 घंटों को उसकी जिन्दगी के लिए बेहद अहम बता रहे हैं।

पुलिस का रवैया भी वैसा ही अमानवीय
निर्भया वाले मामले में पुलिस के रवैये को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए गए थे। इस मामले में भी पुलिस का रवैया वैसा ही लापरवाही भरा और कई मामलों में तो उस घटना से बदतर रहा। न केवल पुलिस चार दिनों तक बच्ची को खोजने का कोई कारगर प्रयास नहीं कर सकी, बल्कि बाद में जब बच्ची मिल गई और उसके साथ हुई अमानवीय हरकत की सामने आ गई तब भी पुलिस ने कथित तौर पर बच्ची के पिता को 2000 रुपए की रिश्वत देते हुए उनसे कहा कि इस घटना का जिक्र मीडिया से न करें।

घटना को दबाने की इस आपराधिक कोशिश का आरोप भी जैसे कम न था। जब इस घटना के विरोध में आसपास के लोग और आम आदमी के कुछ कार्यकर्ता जुटे और विरोध करने हॉस्पिटल पहुंचे तो वहीं एसीपी स्तर के एक ऑफिसर ने एक युवती को थप्पड़ मार दिया।

हालांकि उस ऑफिसर को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन इस घटना से इतना तो साफ है कि दिल्ली पुलिस ने निर्भया वाले मामले से भी कोई सबक नहीं सीखा है। न चुस्ती-फुर्ती के मामले में और न महिलाओं का सम्मान करने के मामले में। source:NBT

रिश्तेदार को सेक्स करने से रोकेगा एप

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लंदन। किसी हैंडसम जैंटलमैन से बार में मिलना और फिर उसे घर ले आना किसी भी घनी आबादी वाले देश में आम बात हो सकती है, लेकिन मात्र 320000 की आबादी वाले देश आइसलैंड में यह बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। इस कम आबादी वाले देश में ज्यादातर लोग एक दूसरे के रिश्तेदार हैं और हैरत की बात यह है कि अधिकतर लोग इस बात से अनजान रहते हैं। 

इस सॉफ्टवेयर को डिजाइन करने वाले इन तीनों डिजाइनर्स के लिए भी यह खतरा था कि कहीं वे अनजाने में किसी रिश्तेदार से शरीरिक संबंध न बना लें। इससे बचने के लिए डिजाइनर्स ने यह स्मार्टफोन एप तैयार किया है। यह एप इस तरह की नजदीकियों से लोगों को बचाता है और उन्हें एक दूसरे से रिश्ते की जानकारी देता है। 

अर्नर फ्रेयर ऑलस्टेंसन, हेकन प्रेस्तर जॉर्नसन और एलेक्जेंडर एनास हेलगेसन ने सैड इंजिनीयर स्टूडियो में इस एप को तैयार किया है। यह एप दो फोन के एक दूसरे से टकराने पर अलार्म बजाता है। तीनों डिजाइनर्स ने बताया कि इस एप का मकसद है "बम्प इन द एप बिफोर यू बम्प इन द बैड"


डिजाइनर्स ने बताया, "हमने इसमें रिश्तेदारों का जन्मदिन याद रखने के लिए बर्थडे कैलेंडर भी डाला है। यह एप बर्थडे एंट्री के दिन रिमाइंडर भी देता है। इसके अलावा इसमें बम्प नाम का फीचर है जिसके तहत यूजर्स एक दूसरे से अपना फोन टकरा कर यह जान सकते हैं कि उनमें रिश्ता क्या है। 


इन्सेस्ट प्रिवेंशन नाम का फन फीचर यूजर को टैक्स्ट मैसेज और अलार्म के साथ चेतावनी देगा कि वह जिसके करीब जा रहा है वह उसका रिश्तेदार है। गूगल के प्ले स्टोर पर इस एप के लिए एक रिव्यू में लिखा है, "अगर यह एप पहले आया होता तो मैं अनजाने में अपनी ही कजिन के करीब न आता।" 

रेप के खिलाफ प्रोटेस्ट,एसीपी ने मारा चांटा

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बेशर्मी का एक और नमूना सामने आया है। यहां अस्पताल के बाहर प्रोटेस्ट कर रही युवती को एसीपी अहलावत ने चांटा मार दिया। मौके पर मीडिया की मौजूदगी के कारण एसीपी का यह कारनामा पूरे देश ने देखा, जिसके बाद दोष्ाी एसीपी को सस्पेंड कर दिया गया। एसीपी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। 

एसीपी के चांटे की शिकार हुई युवती ने बताया कि जिंदगी और मौत के बीच झूल रही बच्ची के परिजनों से मिलने कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ए के वालिया अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने उसे रास्ते से हटने के लिए कहा, जब वह नहीं हटी तो एसीपी ने उसे चांटा मार दिया और गालियां दीं। 

दिल्ली में दुष्कर्म के बाद एक नन्ही बच्ची जहां जिंदगी की जंग लड़ रही है, वहीं पुलिस है कि बच्ची के पिता को मुंह बंद करने की कीमत ऑफर करने में व्यस्त है। पांच साल की यह बच्ची आईसीयू में भर्ती है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। उसके परिवार का कहना है कि बच्ची का गला रेता गया तथा उसके जननांगों को चोट पहुंचाई गई।

बच्ची के पिता के मुताबिक पुलिस ने उसे मुंह बंद रखने के लिए 2000 रूपए की पेशकश की और यह भी कहा कि वे ईश्वर का धन्यवाद अदा करे कि बच्ची जिंदा बच गई। इसी बीच खबर यह भी है कि पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। बताया जाता है कि यह व्यक्ति मुख्य अभियुक्त का पिता है। 



बच्ची के एक परिजन के अनुसार - जब उन्होंने पुलिस से पूछा इस मामले में वे क्या कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि हमें खुश होना चाहिए कि बच्ची मिल गई है तथा हम उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना करें।


इस बच्ची को दो दिन पहले पूर्वी दिल्ली में गांधी नगर स्थित उसके घर से उठा लिया गया था। उसके परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उसकी तलाश शुरू करने में काफी वक्त लगा दिया। 



बच्ची की मां ने न्याय की मांग की है। दो दिन पहले वह खेलने गई थी जहां से उसका अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ता ने उसे कमरे में बंद कर दिया और वहीं उसके साथ दुष्कर्म किया। 





वहीं सुबह अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कुछ लोगों का भी अस्पताल के बाहर सुबह पुलिस से झगड़ा हुआ था। इसी बीच बच्ची की हालत को देखते हुए उसे एलएनजेपी अस्पताल में भी शिफ्ट किए जाने पर चर्चा चल रही है। source:patrika

तीन लड़के, तीन घंटे , तीन दिन .....

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तीन लडकियाँ ----------------------------

उम्र पाँच साल -
शाम को घर के बाहर खेल रही थी ...गायब हुयी , तीन दिन बाद ग्राउंड फ्लोर में मिली तो वेजाइना और रेक्टम फटे हुए थे ..आपरेशन के बाद डाक्टर को उसमे तीन मोमबतियां ,और तेल की बोतल डाले जाने का पता चला जिससे उस बच्ची को इंटरनल इन्फेक्शन है…

उम्र सोलह साल -
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की सुबह साढ़े छह बजे अपने घर से स्कूल जाने के लिए निकली ..घर से कुछ दूरी पर ही तीन लड़कों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में डाल लिया और तीन घंटे तक सामूहिक बलात्कार के बाद वापस उसी के मोहल्ले में डाल गये .....

उम्र बीस साल -
सड़क पर जाती लड़की को तीन लड़के जबरदस्ती गाड़ी में खींच ले गये और सामूहिक बलात्कार के बाद लड़की अर्धबेहोसी की हालत में फ्लाईओवर के नीच पायी गयी ...

एक लड़की खेल रही थी अपने घर के बाहर ...उम्र पाँच साल ,
एक स्कूल जा रही थी ...उम्र सोलह साल ,
एक सड़क पर कहीं जा रही थी ...उम्र बीस साल,
क्या गुनाह था इनका?

आज रामनवमी की छुट्टी है और रामजन्म मनाते हुए मंदिरों में प्रसाद
भी बँटेगा ही ...नौ दिनों से देवियों की पूजा हो रही है ..शक्तिरूपा ..चंडी 
काली ..दुर्गा ...कहाँ है ? शक्ति .. खड्ग और शेर इत्यादि ?

(पिछले तीन दिन से हुयी ये सभी घटनाएँ दिल्ली में घटी हैं )

क्या लड़के की संवेदना में सेक्स गालियों और गलियों/सड़क की विकृति से शामिल होता है और लड़की की संवेदना में डर के साथ ..??? 

देख रहीं हूँ अपनी बालकनी से नीचे सड़क पर एक सात साल की बच्ची अपने फरोक के घेर को घुमा घुमा कर नाच रही है और साथ में उसका तीन साल का भाई भी नाच रहा है ...इसी नाच की आंच में झुलस रही हैं मेरी आँख कि जल उठे मेरी हर साँस ......

लड़की तुम इसी तरह नाचती रहना अपने भाई के साथ ...बिना डरे ..
माँ तुम डरना नहीं .....

खालिद हसन के फेसबुक वाल से साभार  ....

हत्यारोपी परिवार के चरित्र पर लगा है सवालिया निशान...

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यह रहा जुनैद का फोटो जो उसके फेसबुक एकाउंट से साभार है।

-आरोपी का भतीजा भी छेड़छाड़ में जेल जाते बाल-बाल बचा था
-काफी मिन्नतों के बाद बचा था हारून के बेटा जुनैद


मुरादाबाद। पवन कुमार

जहर दे कर विवाहिता को मौत की नींद सुलाने वाले ठाकुरद्वारा निवासी परिवार के एक और सदस्य के चरित्र पर सवालिया निशान लग गया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि पूरा परिवार पैसे की चकाचैंध में अंधा बन चुका है।
बीते सप्ताह ठाकुरद्वारा निवासी शकील व उसके भाई हारून, बहन सलमा आदि ने शकील की पत्नी महशर जहां को जहर देकर मौत की नहीं सुला दिया था। अब शकील के भतीजे जुनैद पुत्र हाजी हारून के चरित्र पर भी उंगली उठायी गयी है। सूत्रों के अनुसार  जुनैद कुछ माह पूर्व एक युवती से छेड़छाड़ के मामले में युवती की पिता की शिकायत पर कोतवाली तक पहुंच गया था। जिसपर हारून के मगरमच्छी आसूओं व माफी मांगने पर युवती के पिता ने कार्रवाई नहीं कराई थी। जिससे जुनैद जेल जाने से बच गया था। वर्ना केन्द्र सरकार की नियम कायदों के अनुसार तो बड़े बाप की बिगड़ी औलाद अब तक जेल की हवा खा रही होती। जुनैद के चाचा शकील के अवैध संबधों का खुलासा होते ही लोगों को जुनैद के इस मामले की भी कानाफूसी करते देखा गया।

बाहरवाली के चक्कर में घरवाली को दिया जहर

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-ठाकुरद्वारा में हुई शर्मसार घटना
-कांठ में मृतका के भाई ने डीआईजी से लगाई रिपोर्ट की गुहार
-हत्या में शामिल था पूरा परिवार


मुरादाबाद। रफ़्तार 24 न्यूज़ 

बीते सप्ताह जनपद के ठाकुरद्वारा शहर में विवाहिता को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया गया। हत्या में पूरा परिवार शामिल था। अपना बचाव करते हुए मृतका के परिजन गोल-मोल जवाब देते रहे। हत्या का कारण पति की प्रेमिका को बताया जा रहा है। गुरूवार को मृतका के भाई ने कांठ में डीआईजी से रिपोर्ट की गुहार लगायी है।
घटना 11 अप्रैल की है। कांठ निवासी महशर जहां का निकाह करीब 15 वर्ष पूर्व ठाकुरद्वारा के मुहल्ला अंसारियान निवासी शकील पुत्र स्व. हाजी फारूक के साथ हुआ था। शादी के बाद दंपती को 4 बच्चे भी पैदा हुए थे। इसके बावजूद शकील व उसका भाई हारून, बहन सलमा आदि महशर जहां को आए दिन प्रताडि़त करते थे। कई बार उसे घर से निकालने का प्रयास किया गया था। घर के भीतर भी पूरा परिवार अपना वहशीपन का परिचय देते हुए महशर जहां के साथ मारपीट करता था।
गुरूवार 11 अप्रैल को शकील अहमद, हारून, सलमा आदि ने मिलकर महशर जहां को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया और सबके सामने मगरमच्छ के आंसू रोकर ढोंग करना शुरू कर दिया। इस दौरान मौत की सूचना मृतका के मायके वालों को लगी तो वे ठाकुरद्वारा पहुंच गए। उन्होंने पोस्टमार्टम कराने की बात कही तो शकील, हारून आदि के पांव तले जमीन खिसक गयी। उन्हें अपने गले पर फंदा साफ दिखाई देने लगा। वे लोग मृतका के मायके वालों से भिड़ गए तथा पोस्टमार्टम कराने से इंकार करने लगे। परन्तु मायके वालों ने उनकी एक न सुनी और शव लेकर काशीपुर की ओर दौड़ लगा दी। जहां मृतका के भाइयों के सब्र का बांध टूट गया। किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में झड़प हो गयी। शकील ने वहां से भाग कर जान बचायी। परन्तु मृतका के भाइयों का गुस्सा आरोपी पक्ष के वाहनों पर उतरा। उन्होंने वाहनों को तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
अगले दिन शुक्रवार 12 अप्रैल को मृतका का शव ठाकुरद्वारा पहुंचा। जहां उसके नमाज ए जनाजा में मृतका के पति शकील के पहुंच जाने पर मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया। जहां मुहल्ले वालों के हस्तक्षेप पर शकील अहमद बच कर नौ दो ग्यारह हो गया। जिसके बाद मृतका को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। पूरे शहर में मामला चर्चा का विषय बना रहा। शकील के भाईयों ने समझौता होने की झूठी अफवाह उड़ा दी। जिसे मृतका के भाइयों अबरार आदि ने सिरे से नकार दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सच सामने लाया जाएगा तथा आरोपियों को जेल  भेजा जाएगा। मृतका के भाई ठाकुरद्वारा कोतवाली पहुंचे तो कोतवाल ने मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
गुरूवार 18 अप्रैल को मृतका के भाई अबरार अहमद ने कांठ में डीआईजी को मामले से अवगत कराते हुए। आरोपियों को गिरफतार करने की मांग की है।


अगवानपुर की युवती के प्यार में अंधा है शकीलः

कांठ। हत्या का कारण अगवानपुर निवासी एक युवती को बताया जा रहा है। जिसके इश्क में पागल होकर शकील ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। वहशीपनें की हदें तब पार हो गयीं जब उसके इस कृत्य में पूरे परिवार ने उसका साथ दिया।

बच्चों का भविष्य पड़ा खतरे मेंः

मुरादाबाद। जिस परिवार ने 15 वर्षों से परिवार की सेवा कर रही महशर जहां को नहीं बख्शा वे उसके बच्चों को किस तरह की जिंदगी दे पाऐंगे
यह सवाल मृतका के मायके वाले ही नहीं ठाकुरद्वारा शहर के हर बाशिंदे के मन में डोल रहा है। वहशीपने पर उतरे हाजी हारून के परिवार ने विवाहिता को बेरहमी के साथ मौत की नींद सुला दिया तब उन्हें उसके चार मासूम बच्चों की जरा भी फिक्र नहीं हुई। वे बच्चे अब भी उसी वहशी परिवार में पल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बच्चों ने भी यह बात स्वीकार की है कि उनकी मां को उनके बाप शकील, ताउ हारून आदि ने जहर देकर मौत की नींद सुलाया है। ऐसे में बच्चों को ऐसे परिवार के हाथों में छोड़ना कितना उचित है

पैसे के बल पर हारून कर रहा है मामले को दबाने की कोशिशः

अगर मृतका के मायके वाले आर्थिक रूप से कमजोर होते तो मामले को अब तक दफन किया जा चुका होता। बताया जा रहा है कि शकील का भाई हारून पैसे के बल पर मामले को पूरी तरह दबाने की कोशिश कर रहा है। कई लोगों ने तो यहां तक बताया कि इस हत्या का मुख्य आरोपी शकील नहीं उसका भाई हारून है। सच क्या है यह तो जल्द ही सामने होगा। पर सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसे खूनी परिवार को समाज में रखना कितना हानिकारक है। 

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