Thursday, 27 September 2012

आज फिर मैं तन्हां हूं...


किसी ने सच कहा है इश्क में इंसान शायर बन जाता है।
कभी एक लाइन लिख नहीं सकता था। और आज मन में जैसे लाखों बातें चल रहीं है। पहले वक्त नहीं था अपने दिल की बात सुनने का भी, एक पल भी रूक कर सोचने का मन नहीं करता था। और उससे प्यार करने के बाद हजारों बार खुद को कोसा, बहुत रोया पर कुछ हासिल नहीं हुआ। जो इंसान हमेशा खुश रहता था आज वो इतना तन्हा है। वजह सिर्फ एक है...मौहब्बत।
नहीं पता फिर कब सुन पाउंगा उसकी आवाज। एक एक पल जैसे सजा की तरह कट रहा। मर जाने को भी मन करता है और उसके लिए जीने को भी। ऐसा लगता है जैसे अन्दर से टूट चुका हूं।
हर दुआ में खुदा से उसी को मांगा। शायद उसे जान से ज्यादा प्यार करना ही मेरी खता है। दोस्तों ने भी बहुत समझाया पर शायद अब उसे भूल पाना मेरे बस में नहीं है। सच कहूं तो मैं उसे भूलना ही नहीं चाहता।
बस जानता हूं कि वो मेरा प्यार, मेरी जिंदगी, मेरी बंदगी, मेरा सब कुछ है। दुआ करना दोस्तो वो मुझे मिल जाए....

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