गोपाल गिरी, लखीमपुर खीरी। इसे विधि की विडम्बना कहे या गया प्रसाद की किस्मत का खेल। उसके घर में किलकारी तो गूंजी लेकिन एक मुसीबत बनकर। गया प्रसाद की पत्नी ने एक साथ दो शिशुओं को जन्म दिया। लेकिन दोनों शिशुआंे की कमर एक में जुड़ी है। जिसका इलाज करा पाना गया प्रसाद के लिये काफी मुश्किल है। अनोखे शिशुआंे को देखकर पूरे इलाके में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। . लखीमपुर-खीरी के थाना निघासन क्षेत्र के गांव सहतेपुरवा में गयाप्रसाद के घर गंूजी किलकारी थोड़ी देर बाद मायूसी में तब्दील हो गयी। उसकी पत्नी ने जिस शिशु को जन्म दिया वह एक नहीं दो है। आश्चर्य भरी बात यह है कि दोनों शिशुआंे के सिर, हाथ, पैर, सही सलामत है। लेकिन दोनों की कमर एक में जुड़ी हुई है। जिसे देखकर पूरे गांव में यह अनोखे शिशु कौतूहल का विषय है। वहीं गया प्रसाद के लिये मायूसी का सबब। गया प्रसाद की समझ में नहीं आ रहा है कि इन बच्चांे को अलग-अलग कैसे किया जायेगा। जिससे यह दोनांे स्वस्थ होकर इस दुनिया में जीवित रह सके। क्योंकि बिना आपरेशन इन बच्चांे को अलग-अलग करना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है। इधर डाक्टरांे का कहना है कि यदि बच्चांे का पीडीआ ट्रिक आपरेशन करवाया जाये तो इन बच्चों में एक बच्चे को बचाया जा सकता है जिसके नाभि है। फिलहाल गया प्रसाद की पत्नी कुसुमा देवी से लेकर हर कोई इन अनोखे शिशुओं को लेकर परेशान है।
No comments:
Post a Comment