Sunday, 18 November 2012

हाय रे 'महनाज' की किस्मत, लाश भी बन गई तमाशा


इलाहाबाद. डॉक्टरों द्वारा ज़िंदा मरीजों के इलाज में कोताही के तमाम मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन इलाहाबाद में लापरवाही की सारी हदें पार हो गईं। यहां एक लाश को तमाशा बनाकर दहेज़ की खातिर अपनी जवान बेटी खो चुके परिवार की जमकर फजीहत भी कराई।
जानकारी के मुताबिक, पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद डाक्टरों ने इलाहाबाद के मऊआइमा के मोहम्मद मुस्तकीम की बेटी महनाज बानो की लाश की जगह किसी और की लाश परिवारों को थमा दिया। जब परिजन कब्रिस्तान में लाश को दफनाने पहुंचे तो वहां दूसरे की लाश देखकर कोहराम मच गया। हंगामे के बाद डाक्टरों ने आधी रात को सही लाश का पोस्टमार्टम कर उसे परिवार वालों को दे दिया।
सीएमओ डा पद्माकर सिंह के मुताबिक, पोस्टमार्टम के वक्त लाश का मिलान करना डाक्टर की ड्यूटी होती है। इतना ही नहीं पंचनामे से मेल नहीं खाने पर पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है। डाक्टरों ने जिस दूसरी लाश का पोस्टमार्टम किया वह चित्रकूट जिले की एक महिला की थी। ड्यूटी करने वाले डाक्टरों ने उस महिला के परिवार वालों को 17 नवम्बर का वक्त दिया था। यदि उसके परिवार वाले बदली हुई लाश को लेकर चलते जाते तो शायद महनाज के परिवार वालों को लाश भी बरामद न होती। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के आधार पर ज़िम्मेदारी तय करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


Source: Facebook

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