लंदन। ब्रिटेन और अमेरिका में माताएं जल्दी पैसा बनाने के लिए फेसबुक समेत कई सामुदायिक मंचों से अपना दूध बेच रही हैं जबकि इस दूध के शिशुओं के लिए गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। इस दूध को खरीदने वाले नए माता पिताओं का मानना है कि इससे उनके शिशुओं को बीमारी और एलर्जी से सुरक्षा मिलती है। डेली मेल को एक वेबसाइट ने बताया, "हमारी इस व्यवस्था में साफ सुथरा दूध निजता पूर्ण तरीके से खरीदा जा सकता है।"
दानदाता माताएं अपने शिशु की उम्र के साथ अपने दूध को सूचीबद्ध कराती हैं। एक अध्ययन के अनुसार एस्सेक्स से न्यूकैसल तक की महिलाएं ताजा या फ्रीज किया हुआ दूध बेच रही हैं। इसकी कीमत एक पाउंड प्रति इकाई है जबकि अमेरिका में इसकी कीमत दो अमेरिकी डॉलर है। मातृ दुग्ध दान करने या प्राप्त करने के लिए कानूनी तरीके मौजूद हैं। कुछ केंद्र उन बच्चों के लिए दूसरी महिलाओं का दूध लेकर संरक्षित करते हैं, जिनकी अपनी माताएं स्तनपान नहीं करवा सकतीं।
ये बैंक पूर्व निगरानी से गुजरीं उन माताओं से दूध इकटा करते हैं जिनके पास पर्याप्त दूध आपूर्ति हो और जिनका बच्चा छह माह से कम उम्र का हो। इसके बाद इसे पाश्चयुरीकृत किया जाता है और फिर नजदीकी अस्पतालों को दे दिया जाता है। लेकिन जर्मनी के डॉक्टरों ने नए अभिभावकों को फेसबुक जैसे सोशल नेटवकोंü के जरिए निजी रूप से बच्चे के लिए दूध लेने के खिलाफ चेतावनी दी है।
शिशु रोग विशेषज्ञों की संस्था के अध्यक्ष वूल्फरैम हार्टमैन ने कहा, "हो सकता है कि दानदाता महिलाएं कोई दवाई या नशीला पदार्थ ले रही हों, या उन्हें एड्स या हिपेटाइटिस जैसा कोई संक्रमित रोग हो।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सप्ताह के बच्चे और कुछ महीने के बच्चे की पोषण की जरूरतों भी अलग-अलग होती हैं Source: khaskhabar
दानदाता माताएं अपने शिशु की उम्र के साथ अपने दूध को सूचीबद्ध कराती हैं। एक अध्ययन के अनुसार एस्सेक्स से न्यूकैसल तक की महिलाएं ताजा या फ्रीज किया हुआ दूध बेच रही हैं। इसकी कीमत एक पाउंड प्रति इकाई है जबकि अमेरिका में इसकी कीमत दो अमेरिकी डॉलर है। मातृ दुग्ध दान करने या प्राप्त करने के लिए कानूनी तरीके मौजूद हैं। कुछ केंद्र उन बच्चों के लिए दूसरी महिलाओं का दूध लेकर संरक्षित करते हैं, जिनकी अपनी माताएं स्तनपान नहीं करवा सकतीं।
ये बैंक पूर्व निगरानी से गुजरीं उन माताओं से दूध इकटा करते हैं जिनके पास पर्याप्त दूध आपूर्ति हो और जिनका बच्चा छह माह से कम उम्र का हो। इसके बाद इसे पाश्चयुरीकृत किया जाता है और फिर नजदीकी अस्पतालों को दे दिया जाता है। लेकिन जर्मनी के डॉक्टरों ने नए अभिभावकों को फेसबुक जैसे सोशल नेटवकोंü के जरिए निजी रूप से बच्चे के लिए दूध लेने के खिलाफ चेतावनी दी है।
शिशु रोग विशेषज्ञों की संस्था के अध्यक्ष वूल्फरैम हार्टमैन ने कहा, "हो सकता है कि दानदाता महिलाएं कोई दवाई या नशीला पदार्थ ले रही हों, या उन्हें एड्स या हिपेटाइटिस जैसा कोई संक्रमित रोग हो।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सप्ताह के बच्चे और कुछ महीने के बच्चे की पोषण की जरूरतों भी अलग-अलग होती हैं Source: khaskhabar

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