बेंगलुरू। सात साल की चंचल बच्ची अब शांत रहती है। अब वह केवल अपनी मां से ही बात करती है। वह पांच साल की थी जब करीब साल भर तक उसके नाना ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उस समय उसकी मां काम के लिए बाहर जाती थी। यह सच जानने के बाद से पेशे से शिक्षक बच्ची की मां का रिश्तों से विश्वास उठ गया है। वह अपनी बेटी के अधिकारों व जीवन के लिए अपने माता-पिता व परिवार से लड़ रही है।
मां ने कहा,मैं सिंगल मदर हूं और पिछले तीन साल से अपने माता-पिता के साथ रह रही हूं। बच्ची बहुत ही बातूनी व चंचल थी लेकिन पिछले छह-सात महीनों से उसने किसी से भी बात करना बंद कर दिया। मैंने उससे कारण पूछा लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। एक दिन मैंने उसको भरोसे में लिया और पूछा तो वह रो पड़ी। उसने बताया कि नाना उसके साथ गलत हरकतें करते हैं।
सदमा यह जानने पर इससे भी बड़ा था कि बच्ची की नानी को भी यह मालूम था लेकिन वह चुप रहीं। इस मामले में स्मिता के बड़े भाई व बहन ने उसका साथ देने से इनकार कर दिया। उन्होने कहा कि इससे उनके परिवार की छवि खराब होगी।
मां ने कहा,मैंने अपने पिता व परिवार के खिलाफ पुलिस में जाने का निर्णय किया। मैं दोपहर 2 बजे थाने पहुंची लेकिन मेरी एफआईआर रात 10 बजे दर्ज की गई। पुलिस अधिकारियों ने मुझे समझाया कि मुझे अपने परिवार का मसला बाहर नहीं लाना चाहिए और इसे घर पर ही सुलझाना चाहिए।
एक अखबार के अनुसार रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मेरा परिवार गायब है और इस मामले में पिछले चार माह से कोई प्रगति नहीं हुई है। अगर एनफोल्ड ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने मेरा साथ नहीं दिया होता तो मैं यह लड़ाई नहीं लड़ पाती। बच्ची अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है तथा दोस्तों के साथ खेलने जाने लगी है लेकिन वह अपनी उम्र से कहीं अधिक बड़ी हो गई है।
Source-patrika

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