Thursday, 25 October 2012

लड़कियां जींस - पैंट ना पहनें


 

रायपुर। राजनांदगांव जिले में अम्बागढ़ चौकी के गांव पंडरीतराई में साहू समाज ने तालिबानी अंदाज में नया डे्रस कोड लागू किया है। गांव की युवतियों के लिए कहा गया है कि वे जींस-पैंट न पहनें और महिलाएं साड़ी का पल्ला दाहिनी ओर से डालें। ऎसा न करने पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। समाज के इस फैसले पर गांव की एक महिला जयंती साहू ने आवाज उठाते हुए विरोध जताया है।


जयंती साहू ने बताया कि दो माह पहले समाज की ओर से जब यह फैसला लिया गया, तो उसमें महिलाओं को शामिल किए बिना निर्णय हुआ। जयंती का कहना है कि महिलाएं स्वतंत्र हैं, उन्हें खुद यह अधिकार है कि वह अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनें। कौन-सा कपड़ा पहनें या न पहनें, यह तय करने से उनकी स्वतंत्रता बाधित होती है। समाज के इस फैसले से गांव की महिलाएं खामोश थीं। 

लेकिन, जयंती ने सबसे पहले इसका विरोध करने का निर्णय लिया। अब वे खुलकर सामने आ गई हैं। आदेश न मानने पर अर्थदंड : साहू समाज के पदाधिकारी नारद साहू ने यह फरमान जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह नियम भी बनाया है कि जो भी महिला इसकी अवहेलना करेगी, उसे पांच सौ रूपए का अर्थदंड भरना पड़ेगा। 


इधर, प्रदेश साहू संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन साहू का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। जानकारी मिलने पर विचार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल युवा पीढ़ी रोज नई संस्कृति सीख रही है उसके अनुरूप पहनावा भी हो गया है। साहू समाज की कोशिश हमेशा यही रही है कि अपने समाज के लोगों को मूल संस्कृति से जोड़े। 

पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भी फरमान 


इससे पहले, युवतियों को जींस पहनने से रोकने का फरमान पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भी जारी किया जा चुका है। रायपुर के चंद्रखुरी स्थित स्कूल में पिछले दिनों वहां के कमांडर ने एक फरमान जारी कर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवतियों को जींस न पहनने का आदेश दिया है। ऎसा करने पर उन पर दंड का प्रावधान किया गया है। 

मानवाधिकार आयोग पहुंचा ड्रेस कोड विवाद


तिरूवनंतपुरम. केरल में मल्लपुरम के एरीकोड क्षेत्र के सुल्लामस्स्ेलम ओरियंटल हाईस्कूल के प्रबंधन ने शिक्षकों के लिए लागू किया गया "ड्रेस कोड" विवादों में है। इसकी अवहेलना करने पर एक शिक्षिका को एक पखवाड़े के लिए स्कूल से निलम्बित कर दिया गया। शिक्षिका ने राज्य मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। 


स्कूल प्रबंधन ने शिक्षकों के लिए हल्के हरे रंग का ओवरकोट पहनने का निर्देश जारी किया है। शिक्षिका जमीला ने कहा कि उसने सफेद ओवरकोट पहन रखा था, लेकिन प्रबंधन ने उसपर "हरा" ओवरकोट पहनने के लिए दबाव बनाया। राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रो. के.ई. गंगाधरन ने बताया कि उपशिक्षा निदेशक को मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। Source:patrika

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