Saturday, 27 October 2012

झूठ है बेवफाई की पहली सीढ़ी


सच चाहे कितना भी कड़वा क्यों न हो पर वह इंसान को सिर्फ कुछ वक्त तक ही बुरा लगता है। जबकि झूठ कभी इंसान को सुकून नहीं दे सकता। प्यार में बेवफाई की शुरूआत अकसर झूठ से ही होती है। ये समझ लीजिए झूठ बेवफाई की पहली सीढ़ी है।
इंसान अगर छोटे छोटे झूठ भी बोले तो कभी न कभी सच सामने आने का डर उसे हमेशा रहता है। और अकसर देखा गया है कि झूठ कभी छुपा नहीं रहता। एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। जिनमें से कोई न कोई झूठ सामने आ ही जाता है।
अगर आपके रिश्ते में भी झूठ ने जगह बना ली है, तो तुरन्त सचेत हो जाऐं। कहीं यह झूठ का ग्रहण आपके रिश्ते को न खा जाए। अपने साथी से खुलकर बात करें। अगर आपने कभी उसका झूठ पकड़ा है, तो उसे सीधे जा कर न बोलें। बल्कि उसे एहसास दिलाऐं कि आपको झूठ पसंद नहीं है, और झूठ से रिश्ते हमेशा ही टूटते हैं। अगर खुद ही अपने साथी से झूठ बोलते हैं, तो चुपचाप बिना कुछ बताऐं झूठ बोलना बंद कर दें। अगर आपने को बड़ा झूठ बोला है, तो उसे अब न छिपाऐं। अपनी गलती कुबूल करें और माफी मांगे। यकीनन कई बार माफी मिलती भी नहीं। पर झूठे रिश्ते से तो रिश्ता न होना ही अच्छा है। जिस रिश्ते में झूठ होता है वह ज्यादा लम्बे समय तक चल ही नहीं सकता।
ऐसा नहीं है कि सभी सच ही बोलते हों। आज के समय में झूठ एक आम सी बात चुकी है। जो बेहद घातक है। 50 प्रतिशत से ज्यादा रिश्ते इस झूठ के कारण ही टूटते हैं। 
अगर आप अपने आप को बदलना चाहतें हैं तो सबसे पहले अपने मन को समझाऐं कि आपने गलत किया है। कई बार हमें एहसास ही नहीं होता कि हमने गलत किया है।
बदलाव  लाने में हम, आपका कोई दोस्त सिर्फ सहायक हो सकते हैं। बदलाव आपकों खुद लाना होगा। पक्का इरादा करना होगा। जिंदगी बहुत छोटी है दोस्त, झूठ के चंगुल में फंस कर इसे बर्बाद मत करना।


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